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छत्तरपुर में संगीतमय श्रीराम कथा के दूसरे दिन शिव-पार्वती विवाह के प्रसंग में आनंदित हुए श्रोता

गौरी शंकर सिंह, छत्तरपुर : नगर पंचायत अंतर्गत खाटीन में श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के वार्षिकोत्सव के अवसर पर नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के द्वितीय दिन कथा प्रारंभ से पहले वैदिक मंत्रोच्चार के बीच व्यास पीठ एवं व्यास का विधिवत पूजन किया गया। पूजन पश्चात मर्मज्ञ कथा वाचिका पूज्य पंडित गौरांगी गौरी जी का स्वागत किया गया। स्वागत के पश्चात श्रीराम कथा के दूसरे दिन व्यास पूज्य पंडित गौरांगी गौरी जी ने शिव-पार्वती विवाह प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह दिव्य है। माता पार्वती की कठिन तपस्या का परिणाम है कि भगवान शिव ने अपनी शक्ति के रूप में चयन किया। शिव पार्वती के विवाह की कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि नंदी पर सवार भोलेनाथ जब भूत-पिशाचों के साथ बरात लेकर हिमाचल पहुंचे तो माता पार्वती के माता पिता बारात में सम्मिलित भूत, प्रेत औघड़ को देखकर अचंभित रह गए, लेकिन माता पार्वती ने खुशी से भोलेनाथ को पति के रूप में स्वीकार किया। कथा मर्मज्ञ पंडित गौरांगी गौरी ने बताया कि माता पार्वती के विवाह में उनकी तरफ से उच्च कुलों के राजा-महाराजा शामिल हुए, लेकिन शिव जी की ओर से कोई रिश्तेदार नहीं पहुंचा था। श्री राम कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं के समक्ष भगवान शिव और पार्वती विवाह का रोचक प्रसंग का व्याख्यान करते हुए पूज्य गौरी जी ने कहा कि शिव दुनिया के सबसे तेजस्वी थे। वे पार्वती को अपने जीवन का हिस्सा बनाने वाले थे। भगवान शिव एवं पार्वती की शादी में सभी देवी देवता और असुर भी वहां पहुंचे। जानवर, कीड़े-मकोड़े और सारे जीव उनके विवाह में उपस्थित हुए। यहां तक कि भूत-पिशाच, प्रेत भी उनके विवाह में बाराती बनकर पहुंचे। इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की झांकी सजाई गई। विवाह प्रसंग सुन श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। इस दौरान शिव-पार्वती विवाह की झांकी पर श्रद्धालुओं ने पुष्प बरसाए। कथा में आगे वर्णन करते हुए पूज्य गौरांगी गौरी जी ने कहा कि धर्म में भगवान शिव को देवों का देव महादेव माना जाता है। जब सृष्टि की संरचना हुई तो देवों के देव महादेव उसके पहले से उपस्थित थे। भारतीय संस्कृति में शिव के अर्धनारीश्वर रूप का भी उल्लेख है। जब शिव की पूजा की जाती है तो जीवन में सुख अनुभूति होती है। सारे क्लेश मिट जाते हैं। लोगों का आपसी द्वंद्व लड़ाई समाप्त हो जाता है और इसीलिए विवाह रूपी बंधन के सबसे उत्तम उदाहरण शिव और पार्वती है।

कौन-कौन रहे मौजूद 

कल राम कथा के तृतीय दिवस में श्रद्धा और उत्साह के साथ भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। कथा शाम 6 बजे से प्रारंभ होती है। कथा के दौरान भाजपा नेता जितेंद्र कुमार, भाजपा युवा मोर्चा नेता अजीत प्रजापति, महामंत्री अनमोल मिश्रा, बैजनाथ प्रसाद शौंडिक, उमेश गुप्ता, पवन गुप्ता, भरत साव, अनिल पासवान, अरुण साव, सुनील गुप्ता, नीरज मिश्रा, अरविंद गुप्ता, अनूप सिंह, दामोदर प्रसाद, सुभाष मिश्रा, सुधीर सिन्हा, गोकुल साव, सुबोध प्रसाद, अजय गुप्ता, आर्यन राज,
समेत अन्य उपस्थित थे।

Shahid Alam
Author: Shahid Alam

Editor

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