गौरी शंकर सिंह, छत्तरपुर : पलामू जिले में एनएच की मरम्मती व चौड़ीकरण होने से वाहनों की रफ्तार बढ़ गई है, जिससे सड़क दुर्घटनाएं बढ़ी है। लेकिन सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायलों का त्वरित चिकित्सीय इलाज करने को लेकर कहीं भी कोई पर्याप्त बंदोबस्त नहीं है। सीएचसी-पीएचसी सहित अनुमंडलीय व सदर अस्पताल में भी गंभीर रूप से घायलों का उपचार करने के लिए इंतजाम नहीं है। घायलों को महज प्राथमिक उपचार के बाद मेदिनीनगर भेजा जाता है। फिर वहां से रांची रिम्स रेफर कर दिया जाता है। लिहाजा कई मरीज समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण दम तोड़ देते हैं। सड़क हादसों से बचाव के लिए औरंगाबाद (बिहार) से मेदिनीनगर तक एनएच पर एक सौ किलोमीटर की दूरी में और रांची-पलामू मुख्य पथ पर जीवन रक्षक चिकित्सा के लिए सड़क के किनारे कहीं भी ट्रामा सेंटर बनाने की कवायद नहीं हो सकी हैं। ऐसे में सड़क दुर्घटनाओं के बाद आपात स्थिति में गंभीर रूप से घायल अधिकांश लोगों को तत्काल उपचार नहीं मिलने से मौत हो जा रही है।

Author: Shahid Alam
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