चतरा डेस्क : प्रतिबंधित टीएसपीसी नक्सलियों ने चतरा में बड़ी घटना को अंजाम दिया है। नक्सलियों ने जिले के कुंदा थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित हिंदियाकला गांव में शनिवार को रात में धावा बोलकर और नक्सलियों का विरोध करने वाले पिता-पुत्र की निर्मम हत्या कर दी है। मृतकों की पहचान हिंदीयाकला गांव निवासी बिफा उरांव व पंकज बिरहोर के रूप में हुई है। मृतक विलुप्तप्राय आदिम जनजाति बिरहोर समुदाय से थे। घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत व्याप्त है। इधर फिलहाल दोनों मृतकों के शवों को पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों के सहयोग से पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है।
लेवी नहीं देने पर कर दी हत्या
दरअसल, बीते कुछ महीने पूर्व जिले के तत्कालीन डीसी आदिम जनजाति बिरहोर परिवारों का हाल जानने के लिए कुंदा प्रखंड के हिंदियाकला गांव पहुंचे थे। गांव में बिरहोर परिवारों को कच्चे और जर्जर मकानों में रहता देख उन्हें अबुआ आवास योजना के तहत रहने के लिए पक्का मकान मुहैया करवाया था, जिसके निर्माण कार्य की देखरेख मृतक बिफा उरांव का भाई वैद्य बिरहोर कर रहा था। इसी दौरान टीएसपीसी नक्सलियों ने उससे प्रत्येक आवास के बदले 10-10 हजार रुपये की लेवी की डिमांड की थी। लेवी देने से वैद्य बिरहोर ने न सिर्फ इंकार किया था, बल्कि ग्रामीणों के सहयोग से मृतक पंकज और उसके पिता ने मंटू गंझू नामक नक्सली को हथियार के साथ पकड़ कर पुलिस के हवाले भी कर दिया था। इसके अलावा नक्सलियों को गांव में लाने में सहयोग करने वाले सुदेश्वर यादव नामक एक अन्य व्यक्ति को भी पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया था। ग्रामीणों के अनुसार इसी बात से बौखलाए नक्सलियों ने पिता-पुत्र की निर्मम हत्या कर दी।
पिता-पुत्र को कब्जे में लेकर पहले पीटा, फिर मार दी गोली
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की रात करीब तीन दर्जन से अधिक की संख्या में टीएसपीसी नक्सलियों का दस्ता गांव पहुंचा था। नक्सलियों ने गांव में एक घर को घेर लिया और बीफा उरांव और पंकज बिरहोर (दोनों पिता-पुत्र) को अपने कब्जे में लेकर पहले उनकी बेरहमी से पिटाई की और फिर गोली मार कर दोनों को मौत के घाट उतार दिया।
नक्सलियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा : एसपी
घटना को लेकर चतरा एसपी विकास पांडे ने कहा है कि पिता-पुत्र की हत्या में शामिल नक्सलियों के धर-पकड़ को लेकर इलाके की घेराबंदी की जा रही है। एसपी ने कहा कि किसी भी हालत में नक्सलियों को बख्शा नहीं जाएगा।
ग्रामीणों ने किया गांव में पुलिस पिकेट बनाने की मांग
वहीं घटना के बाद मृतक के परिजनों ने गांव में पुलिस पिकेट बनाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि इस गांव में पूर्व से ही विभिन्न नक्सली संगठनों का वर्चस्व रहा है। यह गांव कुंदा और प्रतापपुर प्रखंड मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूरी पर स्थित घोर नक्सल प्रभावित इलाके में है। इस इलाके में नक्सली गतिविधि की सूचना पर जब तक पुलिस की टीम गांव पहुंचती है, तब तक नक्सली घटना को अंजाम देकर बड़े आराम से निकल जाते हैं। ऐसे में ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है।
Author: Shahid Alam
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