आज़ाद दर्पण डेस्क : लोकसभा में महिला आरक्षण बिल मंगलवार को पेश किया गया। इस बिल को ”नारी शक्ति वंदन अधिनियम” नाम दिया गया है। देश के कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने लोकसभा में इस बिल को पेश किया। नए संसद भवन में पेश होनेवाला यह पहला बिल है।
क्या है “नारी शक्ति वंदन अधिनियम”
“नारी शक्ति वंदन अधिनियम” महिला आरक्षण बिल है। इसके लागू होने से संसद के निचले सदन यानि कि लोकसभा में महिलाओं की संख्या बदेगी। इस बिल में महिलाओं को लोकसभा व विधानसभा चुनाव में 33% आरक्षण देने का प्रावधान है। इसमें से पुनः 33% सीट एससी व एसटी महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगा। वर्तमान में लोकसभा में 82 महिला सांसद हैं। नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लागू होने के बाद लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी।
कब लागू होगा “नारी शक्ति वंदन अधिनियम”
“नारी शक्ति वंदन अधिनियम” परिसीमन के बाद लागू किया जा सकेगा। चूंकि 2024 में लोकसभा चुनाव है। इतनी जल्दी जनगणना व परिसीमन असंभव है। ऐसे में 2024 के चुनाव मे इसका लागू होना संभव प्रतीत नहीं होता है। हां, 2029 के लोकसभा चुनाव या उसके पूर्व कुछ विधानसभा चुनावों में इसे लागू किया जा सकता है। केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने बताया कि यह अधिनियम सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों पर ही लागू होगा। उच्च सदन यानि कि राज्यसभा और राज्यों के विधान परिषद के चुनावों में यह बिल लागू नहीं होगा।
“नारी शक्ति वंदन अधिनियम” महिलाओं को देश के नीति निर्धारण का मौका देगी : प्रधानमंत्री
लोकसभा में “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार आज सदन में एक महत्वपूर्ण बिल पेश करने जा रही है। नए भवन में प्रवेश के साथ हम नारी शक्ति के लिए नए प्रवेश द्वार खोलने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में महिलायें आगे हैं। आगे बढ़ कर महिलायें नेतृत्व भी कर रही हैं। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि महिलायें देश के लिए नीति निर्धारण में भी अपना योगदान दें और महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। पीएम ने कहा कि हमारी सरकार ऐसा बिल पेश कर रही है, जिसका उद्देश्य संसद में महिला भागीदारी को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति वंदन बिल से लोकतंत्र और भी मजबूत होगा।
बिल पर क्या है कांग्रेस का रुख
महिला आरक्षण बिल को लेकर लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पूर्व की नरसिम्हा राव सरकार तथा मनमोहन सरकार में महिला आरक्षण बिल पेश किया गया था। वह बिल आज भी मौजूद है। हालांकि उनके इस बयान पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम नया बिल लेकर आए हैं, पूरी जानकारी रखा कीजिए। इसपर विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया कि हमें बिल की कॉपी नहीं मिली है। सत्ता पक्ष ने कहा कि बिल को अपलोड कर दिया गया है।
बिल को है विपक्ष का भी समर्थन
“नारी शक्ति वंदन अधिनियम” को कुछ विपक्षी दलों का भी समर्थन है। बीआरएस के नेता तेलंगाना सीएम केसीआर की बेटी के. कविता ने इस बिल की मांग को लेकर कुछ विपक्षी पार्टियों के साथ 13 सितंबर को बैठक किया था। महिला आरक्षण बिल पेश करने की मांग को लेकर के. कविता ने 10 मार्च को एकदिवसीय भूख हड़ताल भी किया था। इस अनशन में AAP, JDU, NCP, CPI, RLD, NC,अकाली दल, PDP, TMC तथा समाजवादी पार्टी समेत कई पार्टियां शामिल हुई थी।
Author: Shahid Alam
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