Home » झारखंड » राँची » तीन माह के अंदर राज्य के सभी थानों को सीसीटीवी की निगरानी में लाएं : हाईकोर्ट

तीन माह के अंदर राज्य के सभी थानों को सीसीटीवी की निगरानी में लाएं : हाईकोर्ट

आजाद दर्पण डेस्क : झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को प्रदेश के सभी पुलिस थानों को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में लाने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी एक रिट याचिका पर सुनवाई के बाद ये आदेश दिया है।  हाईकोर्ट ने कहा है कि थानों में लगाया जाने वाला सीसीटीवी कैमरा उच्च क्वालिटी का होना चाहिए तथा उनमें 18 महीने तक का डाटा स्टोर करने की कैपेसिटी होनी चाहिए। कोर्ट ने राज्य के गृह सचिव व पुलिस महानिदेशक को आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने ये भी कहा कि थानों में यह सुनिश्चित किया जाए कि उसका कोई भी हिस्सा खुला नहीं हो। कैमरे थाने के सभी प्रवेश व निकास द्वार, मेन गेट तथा सभी लॉकअप पर लगाना है। कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि कैमरे थाना भवन के सभी गलियारे, रिसेप्शन की लॉबी, सभी बरामदे, आउट हाउस, इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर का कमरा, लॉकअप के बाहर का क्षेत्र, थाना का हॉल, थाना परिसर के सामने, शौचालय के बाहर, थाना के पीछे का हिस्सा, ड्यूटी ऑफिसर का कमरा सहित थाना के हर हिस्से में कैमरा लगाए जाए।

तीन माह में सभी थानों में लगेगा कैमरा

उल्लेखनीय है कि चेक बाउंस के एक मामले प्रार्थी धनबाद की अदालत में जमानत के लिए गया था, लेकिन धनबाद के बैंक मोड़ थाना पुलिस ने उसे अवैध रूप से 2 दिन तक थाने में बैठाए रखा। सारी घटना वहां लगे सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुई थी। जब हाईकोर्ट ने डीजीपी से बैंक मोड़ थाना में लगे सीसीटीवी कैमरे का 31 मई 2023 से लेकर 1 जून 2023 तक का सीसीटीवी फुटेज मांगा तो उनकी ओर से व्यक्तिगत एफिडेविट दायर किया गया था। हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए कहा है कि गृह सचिव व डीजीपी तीन माह के अंदर सभी थानों में सीसीटीवी कैमरा लगाना सुनिश्चित करें। हाईकोर्ट ने डीजीपी के शपथपत्र पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह अजीब बात है कि केवल दो दिनों कर सीसीटीवी फुटेज पुलिस को कैसे नहीं मिल पाया। प्रश्न यह है की धनबाद जैसी जगह जहां क्राइम रेट ज़्यादा है इस तरह की कार्रवाई क्यों नहीं रकी जाती है। कोर्ट ने आगे निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस विभाग के साथ-साथ झारखंड सरकार भी सीसीटीवी का समुचित रख रखाव करें। याचिका की सुनवाई में प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा व अधिवक्ता अजय शाह ने पक्ष रखा। बताते चलें कि प्रार्थी प्रॉपर्टी रिएल्टी प्राइवेट लिमिटेड, शौभिक बनर्जी व अन्य की ओर से क्रिमिनल रिट याचिका दायर की गई थी। 

0
0

RELATED LATEST NEWS

Top Headlines

онлайн – Gama Casino Online – обзор.448

Гама казино онлайн – Gama Casino Online – обзор ▶️ ИГРАТЬ Содержимое Обзор онлайн-казино Gama Casino Преимущества Недостатки Преимущества и

error: Content is protected !!