आजाद दर्पण डेस्क : पलामू जिले के पांकी प्रखंड क्षेत्र में ईद मिलादुन्नबी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। ईद मिलादुन्नबी के मौके पर प्रखंड मुख्यालय पांकी साथ-साथ तेतराई, माड़न, गढगांव, लोहरसी, बहेरा, केल्हवा, बलमुआ, बसरिया, टईया, पकरिया सहित विभिन्न गांवों में जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। इस दौरान क्षेत्र के तमाम मुसलमानों ने जुलूस-ए-मोहम्मदी में शामिल होकर अल्लाह के प्यारे और आखिरी रसूल हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम की पैदाइश का जश्न मनाया। जुलूस-ए-मोहम्मदी में लोग नातिया कलाम पढ़ते हुए पूरे शहर में घूमे।
प्रखंड मुख्यालय में हुआ ईद मिलादून्नबी का मुख्य आयोजन
पांकी प्रखंड मुख्यालय में ईद मिलादुन्नबी के मौके पर मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मरकजी कमिटी अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन की सरपरस्ती में जुलूसे मोहम्मदी निकाला गया। प्रखण्ड मुख्यालय के जुलूसे मोहम्मदी में चौराहा, टाटीदीरी, नवडीह, परसावां, सोरठ, नावाडीह सहित की अन्य गांवों की कमिटी शामिल हुए। प्रखंड मुख्यालय से निकाले गए जुलूस-ए-मोहम्मदी जामा मस्जिद पांकी से शुरू हुआ। यह जुलूस मस्जिद चौक, कर्पुरी चौक होते हुए बांग्लाडीह, पुरानी पांकी के बाद वापस मस्जिद चौक पर पहुंचा। यहां से पुनः जुलूस टाटीदीरी, नवडीहा, परसावां, सोरठ, नावाडीह आदि गांव के जुलूस के साथ मिलकर कर्पूरी चौक होते हुए पांकी-मेदिनीनगर मुख्य पर स्थित तरवाडीह चौक तक गया। वहां से जुलूस सीधा वापस जामा मस्जिद के गेट पर पहुंचा। यहां पर एक संक्षिप्त जलसा का आयोजन किया गया, जिसमें उलमा-ए-दीन ने अल्लाह के रसूल इसके बारे में और उनकी सुन्नतों के बारे में लोगों को बताया। जुलूस के दौरान पांकी शहर “सरकार की आमद-मरहबा”, “दिलदार की आमद-मरहबा” सहित दर्जनों गगनभेदी नारों से गूंजता रहा। जुलूस में हजारों की संख्या में मुसलमान शामिल हुए। जुलूस में जगह-जगह पर शरबत फल व अन्य खाने-पीने की चीजों का इंतजाम किया गया था।
बारह दिनों से दुल्हन की तरह सजा हैं पांकी का मस्जिद चौक
ईद मिलादुन्नबी का पर्व इस्लाम धर्मावलंबियों के लिए सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। इसके महत्त्व का अंदाज़ा इस बात से होता है कि ईद मिलादुन्नबी को लेकर पांकी मस्जिद चौक पिछले बारह दिनों से दुल्हन की तरह सजाया गया था। अरबी महिना रबीउल अव्वल के चांद देखने के साथ ही मस्जिद के पास के चौक को सजाने का काम शुरू हो गया था। मस्जिद व मस्जिद के बाहर पूरे चौक को लाइट और झालरों से दुल्हन की तरह सजाया गया है। मख्यालय के साथ-साथ प्रखण्ड के सभी मस्जिद व मदरसों को भी आकर्षक ढंग से सजाय गया है।
सुरक्षा की रही चाक चौबंद व्यवस्था
ईद मिलादुन्नबी के पर्व के दौरान जिला व प्रखण्ड प्रशासन द्वारा पांकी में सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गई थी। आपको बताते चलें कि गत 15 फरवरी को दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से पांकी मस्जिद चौक पर ही दो समुदाय के लोगों में आपसी झड़प हो गई थी। ऐसे में प्रशासन ईद मिलादुन्नबी के मौके पर पूरी तरह से चौकस थी। मस्जिद चौक, कर्पूरी चौक और वो तमाम इलाके जहां से जुलूस को गुजरना था, सभी जगह पुलिस बल के साथ-साथ दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई थी। जुलूस-ए-मोहम्मदी के दौरान पांकी पुलिस निरीक्षक अरुण कुमार महथा, पांकी अंचलाधिकारी राजकुंवर सिंह, पांकी थाना प्रभारी उपेन्द्र नारायण सिंह तथा पिपराटांड़ थाना प्रभारी हिरलाल साह पूरी तरह मुस्तैद दिखे। हालांकि लोगो ने बेहद ही शांतिपूर्ण तरीके से बिलकुल समय पर कार्यक्रम का समापन कर लिया।
जुलुस में शामिल हुए पांकी के पंचायत प्रतिनिधि व अन्य गणमान्य
ईद मिलादुन्नबी के मौके पर आयोजित जुलूस-ए-मोहम्मदी में पांकी प्रखंड के कई पंचायत प्रतिनिधि शामिल हुए। मुख्यालय में निकाले गए जुलूस में प्रखंड प्रमुख पंचम प्रसाद, उपप्रमुख अमित कुमार चौहान, जिला परिषद सदस्य खुशबू कुमारी, मुकेश सिंह चंदेल, डंडारकला मुखिया प्रद्युम्न सिंह, पांकी पूर्वी मुखिया प्रेम प्रसाद, मुमताज़ अहमद खान, रुद्र शुक्ला, पप्पू यादव सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए। वहीं नौडीहा बहेरा में आयोजित जुलूस में मुखिया मुकेश कुमार सिंह, नित्यानंद सिंह, नर्वदेश्वर सिंह सहित की लोग शामिल हुए। इंतेज़ामिया कमिटी द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों के साथ-साथ प्रशासनिक पदाधिकारियों को पगड़ीपोशी कर सम्मानित किया गया।
रहमतल्लील अलमीन हैं अल्लाह के प्यारे नबी
संक्षिप्त जलसा में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए जामा मस्जिद के खतीब व इमाम हज़रत मुफ्ती सैयद सबीउल हक़ हाशमी कादरी व मदरसा गुलशने गौशिया के मोहतमीम हज़रत मुफ्ती नबील अहमद कादरी मरकजी ने कहा कि अल्लाह के प्यारे रसूल हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम रहमतल्लील अलमीन हैं। आप सिर्फ मुसलमानों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के तमाम मजहबों के लिए रहमत हैं। आपने पूरी दुनिया को जिंदगी जीने का बेहतरीन तरीका बताया है। आपके आमद पर दुनिया के तमाम जिन्नो-बशर ने खुशियां मनाई थी। प्यारे नबी ने पूरी दुनिया को अमनो-अमान व इत्तेफाको-मोहब्बत से जीने का तरीका से सिखलाया है। हमें आज सुन्नतों पर अमल करने की जरूरत है। जलसा के उपरान्त फतेहखानी की गई। बाद में मुल्क की तरक्की व अमनो-अमान के लिए दुआ की गई। आखिर में लोगों के बीच सिरनी वितरित किया गया।
Author: Shahid Alam
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