गौरी शंकर सिंह, छत्तरपुर : विद्यालय में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को कंप्यूटर शिक्षा देने के उद्देश्य से राजकीय मध्य विद्यालय छत्तरपुर को सात कंप्यूटर सेट उपलब्ध कराए गए थे। इसके कुछ ही दिनों बाद 6 जनवरी 2012 को चोर यहां के सातो कंप्यूटर चुरा ले गए। खोजबीन के दौरान पुलिस ने एक सप्ताह के अंदर छत्तरपुर के ही एक घर से सातो कंप्यूटर बरामद किया था। तब स्कूल के बच्चे व उनके अभिभावक खुश हुए कि अब विद्यार्थियों को कंप्यूटर शिक्षा दी जा सकेगी। परंतु कानूनी दावपेंच और कागजी खानापूरी में वे कंप्यूटर ऐसे फंसे कि आज 12 साल बाद भी थाने के मालखाने से नही निकल सके हैं। चोरी के बावत तत्कालीन प्रधानाध्यापक बीरेंद्र तिवारी ने छत्तरपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। चोरी गए कंप्यूटरों की बरामदगी के बाद नियमानुसार छत्तरपुर पुलिस ने उसे जब्त कर मालखाना में जमा कर दिया। तब से ना कोई पहल न ही कोई प्रक्रिया। बेचारे कंप्यूटर बच्चों की जगह मालखाना की दीवारों में डिजिटल ज्ञान बांट रहे हैं। इधर बच्चे कंप्यूटर का ककहरा सीखने को तरस रहें हैं। थाने के मालखाने में पड़े इन कम्प्यूटरों को न तो छुड़ा कर स्कूल लाने की आज तक कोई पहल हुई और न ही स्कूल को दूसरे कंप्यूटर उपलब्ध कराए गए। मालखाने में रखे ये कंप्यूटर अब काम लायक हैं या नहीं, अब तो इस पर भी कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन बच्चे इनके वापस आने की राह तक रहे हैं।

Author: Shahid Alam
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