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चतरा : झोलाछाप डॉक्टर ने ले ली एक और बच्चे की जान, विभाग मौन

चतरा डेस्क : जिले में एक और बच्चे की जान झोलाछाप डॉक्टर ने लिया। चतरा जिले के हंटरगंज थाना क्षेत्र के केदली गांव में झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज के कारण ढ़ाई साल के बच्चे की मौत हो गई। घटना सोमवार की है। हालांकि बाद में परिजन बच्चे को सदर अस्पताल चतरा लेकर गए, लेकिन डॉक्टरों ने वहां बच्चे को मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद झोलाछाप डॉक्टर क्लिनिक बंद करके फरार है। घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

क्या है पूरा मामला

घटना के संबंध में मृतक बच्चे के पिता वशिष्ठ नगर थाना क्षेत्र के राज़हर गांव निवासी छोटु यादव ने बताया कि उसके ढ़ाई साल के बेटे आर्यन की तबियत पिछले सप्ताह से खराब थी। केदली गांव का झोलाछाप डॉक्टर मोहन कुमार उसका एक सप्ताह से इलाज कर रहा था। सोमवार को खुद को डॉक्टर बताने वाले मोहन कुमार ने बच्चों को कुछ दवाएं दी और इंजेक्शन लगाया था। उसके बाद बच्चे को लेकर उसके पिता घर चले गए।

बच्चे की मौत के बाद भेज दिया सदर अस्पताल

घर पहुंचते ही बच्चों की तबियत बिगड़ने लगी। तत्काल परिजन उसे लेकर मोहन कुमार के पास पहुंचे। मोहन कुमार के पास ही बच्चे की मौत हो गई थी। लेकिन अपना पीछा छुड़ाने के लिए उसने परिजनों को समझा-बुझा कर बच्चे को सदर अस्पताल चतरा भेज दिया। सदर अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सकों ने जांच के बाद ढ़ाई साल के बेटे आर्यन को मृत घोषित कर दिया। बच्चे के मौत की जानकारी मिलते ही उसके घर में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं पिता छोटू यादव ने आरोप लगाया कि मोहन यार कुमार ने बच्चे को गलत इलाज किया तथा उसे गलत इन्जेक्शन देकर उसकी जान ले ली। उन्होंने आरोप लगाया है कि सही समय पर अगर बच्चे को सदर अस्पताल भेजा जाता है तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।

जिले में धड़ल्ले से चल रहा है अवैध झोलाछाप डॉक्टरों का गोरखधंधा, विभाग मौन

चतरा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा तथा अवैध नर्सिंग होम में तथाकथित इलाज का गोरखधंधा धड़ल्ले से जारी है। ये झोलाछाप चिकित्सक बिना किसी वैध प्रमाण पत्र तथा अनुभव के ग्रामीणों के सेहत व जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। आये दिन इन झोलाछाप तथा कथित चिकित्सकों के इलाज के कारण ग्रामीणों की स्थिति बिगडने या फिर ग्रामीणों की मौत होने की खबरें सुर्खियां बनती है। लेकिन इन सब मामलों की जानकारी के बावजूद जिले का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से मौन है। विभाग की चुप्पी भी इन तथाकथित बेलगाम झोलाछाप डॉक्टरों के मनोबल को आसमान पर ले गया है। इसी का नतीजा है कि छोटु यादव के ढ़ाई साल के बेटे आर्यन को अपनी जान गंवानी पड़ी। लेकिन शायद ही इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग की नींद खुले और ऐसे झोलाछाप चिकित्सकों के विरुद्ध कार्रवाई हो।

Shahid Alam
Author: Shahid Alam

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