आजाद दर्पण डेस्क : झारखंड के गांडेय विधानसभा से झामुमो विधायक डॉ सरफराज अहमद के इस्तीफ़े के बाद झारखंड में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। चर्चा है कि सीएम हेमंत सोरेन को पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है और उन्हें गांडेय विधानसभा से उपचुनाव लड़वाकर विधायक बनाया जा सकता है। इसी बीच एक और चर्चा चल पड़ी है कि अब गांडेय विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं कराया जा सकता है। भाजपा के कई नेता इस मामले को तूल देते हुए लगातार बयान दे रहे हैं। इस मामले पर सबसे पहले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ट्विटर (अब एक्स) पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि पंचम विधानसभा के कार्यकाल में एक वर्ष से कम का समय बचा है। इसलिए नियमानुसार एक वर्ष के कम समय में रिक्त विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं कराया जा सकता है। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी इस मामले पर मिलता-जुलता बयान दिया है। हालांकि भाजपा के नेता ये दावा कर रहे हैं कि अब पंचम विधानसभा का कार्यकाल एक वर्ष से कम होने के कारण उपचुनाव कराना संभव नहीं है। लेकिन आइए जानते हैं, भाजपा के इस दावे में कितना है दम?
क्या है नियम
विशेषज्ञ के अनुसार किसी विधानसभा के कार्यकाल के लिए विधानसभा चुनाव के रिज़ल्ट या सरकार गठन की तारीख अ कोई महत्व नहीं है। विशेषज्ञ के अनुसार जनप्रतिनिधि अधिनियम-1951 की धारा 153 के तहत किसी भी विधानसभा के कार्यकाल के लिए चुनाव परिणाम की तिथि या सरकार गठन की तारीख मायने नहीं रखता है। विधानसभा का कार्यकाल विधानसभा के प्रथम बैठक की तारीख से जोड़ा जाता है। ऐसे में झारखंड के पंचम विधानसभा की पहली बैठक 6 जनवरी 2020 को हुई थी। इधर गांडेय विधायक डॉ सरफराज अहमद का इस्तीफा 31 दिसंबर 2023 को मंजूर हुआ है, जिससे यह सीट 31 दिसंबर 2023 से खाली मानी जाएगी। ऐसे में 31 दिसंबर 2023 से 6 जनवरी 2025 तक में एक वर्ष से अधिक का समय बचता है। इससे यह साफ होता है कि गांडेय विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराना संभव है।

Author: Shahid Alam
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