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पलामू : मुस्लिम समाज की बैठक में लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय, दहेज के लेन-देन व नशाखोरी लगाई गई पाबंदी

पलामू डेस्क : जिला मुख्यालय मेदिनीनगर में विगत 20 दिसंबर 2023 को एदारे शरिया के तत्वावधान में आयोजित तहरीके बेदारी इस्लाहे मुआसरा कॉन्फ्रेंस का असर अब पूरे जिले में देखने को मिल रहा है। जिलों के विभिन्न प्रखंड मुख्यालयों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी लोग तहरीके बेदारी इस्लाहे मुआसरा कॉन्फ्रेंस के एजेंडे को लागू करने के पक्ष में आतुर दिख रहे हैं। प्रखंडों व ग्रामीण इलाकों में लगातार मुस्लिम समाज के लोग बैठकर इन एजेंडों को अपने समाज में लागू करने का निर्णय ले रहे हैं\। इस कड़ी में पांकी प्रखंड के बलमुआ गांव स्थित ईदगाह परिसर में आस-पास के केल्हवा, बलमुआ, अम्बाबार, होटवार, मजडीहा, गढ़गांव व जोलहबीघा के सैकड़ों ग्रामीणों की बैठक हुई। बैठक में दहेज, डीजे, गाजा-बाजा, पटाखे, दावतों में बुफे सिस्टम, नशाखोरी आदि पर पाबंदी लगाने पर चर्चा की गई।

बैठक उपरांत लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय, दहेज लेने व देने पर लगी पाबंदी 

बैठक के दौरान चर्चा के उपरांत मुस्लिम समाज के लोगों ने कई महत्वपूर्ण निर्णय को अमली जामा पहनाया। बैठक में इन सात गांव में दहेज लेने व देने, शादी में डीजे व गाजा-बाजा, पटाखा व दावतों में बुफे सिस्टम पर पूर्णतः पाबंदी लगाने का निर्णय लिया गया। इस दौरान उपस्थित लोगों ने एक स्वर में कहा कि यदि कोई दहेज लेता या देता पाया गया तो उसके खिलाफ़ समाज बैठक कर उसे सामाजिक रूप से दंडित करेगा। साथ ही निर्णय लिया गया है कि यदि कोई बारात डीजे या बाजा व पटाखों के साथ इन सात गांवों में से किसी गांव में भी आती है तो उन गांव के अंजुमन का इमाम या फिर कोई अन्य आलिम उस बारात में निकाह नहीं पढ़ाएंगे। साथ ही निर्णय लिया गया कि डीजे व पटाखों के साथ आने वाली बारात को गांव की सरहद में ही नहीं घुसने दिया जाएगा। वहीं बैठक में शादी, वलिमा व ने दावतों के मौके पर बुफे सिस्टम पर पाबंदी लगाई गई है। दावतों में या तो मेजबान द्वारा कुर्सी-टेबल का इंतजाम किया जाएगा या फिर दूसरे शरई तरीके से खाना खिलाया जाएगा। बैठक में शादी के हवाले से एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। बैठक के दौरान ग्रामीणों ने बारात लाने और ले जाने में बारातियों की संख्या को सीमित कर दिया है। अब इन सात गांवों के लोग से 75 से 100 लोगों को ही बारात ले जा सकेंगे या अपने घर बुला सकेंगे। ग्रामीणों ने बताया की इस निर्णय से लड़की पक्ष वालों पर खर्चे का बोझ कम होगा और बेटी की शादी के मसले में आसानी होगी।

नशाखोरी पर भी लगाई गई पाबंदी

बैठक के दौरान एक और महत्वपूर्ण निर्णय को अमली जामा पहनाया गया। बैठक में मुसलमानों के बीच शराब, गांजा, अफीम आदि के नशा के बढ़ते क्रेज को लेकर चर्चा की गई। चर्चा के उपरांत उपस्थित मुस्लिम समाज के लोगों शराब व सभी तरह के नशा पर पाबंदी लगाने का निर्णय लिया है। मुस्लिम समाज के लोगों ने बताया कि यदि कोई मुस्लिम व्यक्ति शराब या अन्य नशा करते हुए पाया गया तो उसे सामाजिक रूप से दंडित किया जाएगा।

बैठक में कौन-कौन रहे मौजूद 

तहरिके बेदारी इस्लाहे मुआसरा को लेकर आयोजित साथ गांव के मुसलमानों के बैठक की अध्यक्षता मौलाना मोख्तार आलम मसुदी ने किया। बैठक में मेराजुद्दीन अंसारी, हाफिज अब्दुल कलाम, मुखिया बसारत अंसारी, जमालुद्दीन अंसारी, सईद अनवर, बाबुद्दीन मियां, रियासत अंसारी, किफारत अंसारी, नईम अंसारी, मुजीबुल्लाह अंसारी, मौलाना असगर, इशरत अंसारी, शाहनवाज अंसारी, वकील अंसारी, मौलाना अब्दुल वाहिद, हाफिज महबूब सहित सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोग उपस्थित थे।

Shahid Alam
Author: Shahid Alam

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