नरेंद्र सिंह, विश्रामपुर : प्रखंड मुख्यालय के एनएच- 75पर अवस्थित आदर्श पंचायत में शुमार केतातकला गांव में दलित दंपति प्रदीप राम और उसकी पत्नी अनिता देवी के द्वारा ईसाई धर्म में शामिल होने को लेकर शनिवार दिनभर खलबली मची रही। स्वर्ण बाहुल्य पांच सौ घर के इस सघन आबादी वाला इस गांव के आखिरी हिस्से केतातखूर्द में साठ घर महादलित आबादी की है। उसी में बिगन राम का पुत्र प्रदीप राम और उसकी पत्नी अनिता देवी ने शनिवार को पूरा टेंट-शामियाना लगाकर पास के रेहला कस्बा में एक दशक से रहकर चैनपुर के हरिनामाड़ निवासी ईसाई बने स्वर्गीय अरुण तिवारी की पत्नी सोमलता तिवारी के साथ बाहर से आई ईसाई धर्म की महिला टोली के द्वारा दिनभर ईसा मसीह की तस्वीर रखकर प्रार्थना का कार्यक्रम चला। इससे आसपास से फैली खबर से गांव में मामला गरमा गया। इसकी सूचना मिलते ही रेहला थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति की जायजा लिया। साथ ही कथित रूप से हिंदू दलित परिवार की साजिश और झांसे में डालकर ईसाई धर्म बनाए जाने की पड़ताल की। दलित दंपति ने केवल शांति के लिए ईसाई धार्मिक कार्य अपने घर पर आयोजित करने की बात कबूली। लेकिन ईसाई धर्म अपनाने से इंकार किया। इस बात की तस्दीक करने शनिवार अपराह्न मौके पर जाने पर दलित दंपति की गृहणि अनिता देवी (35 वर्ष) ने बताया कि दस माह पहले वह अपनी बीमारी से परेशानी की हालत में रेहला में रहकर ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार कर रही सोमलता तिवारी के संपर्क में आई थी। उनके द्वारा जीसस क्राइस्ट का शांति पाठ करने से वह बिल्कुल चंगा हो गई। यहीं से वह तथा उसके ससुर बीगन राम का पूरा परिवार और आसपास के स्वजातीय दलित परिवार ईसाई धर्म से प्रभावित होकर शनिवार को रेहला थाना पुलिस के प्रभारी नेमधारी रजक को लिखित सूचना देकर अपने घर प्रेयर आयोजित किया था। इससे स्वर्ण बाहुल्य केतातकला गांव में काफी तल्खी फैल गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराया। वहीं समझाने-बुझाने के बाद दलित दंपति प्रदीप राम और उनकी पत्नी अनिता देवी तथा परिजन ने हिंदू धर्म छोड़ने तथा ईसाई धर्म में शामिल होने से इंकार कर दिया। हालांकि उनसभी ने ईसाई धर्म में अपनी बढ़ती आस्था की बात खुले रूप से बिना किसी हिचकिचाहट की स्वीकार किया। इधर सनातन धर्म परिवार रेहला ने सोमलता तिवारी द्वारा बहला फुसलाकर इसाई धर्म की चलाए जा रहे गुप्त एजेंडा का आरोप लगाया है। साथ ही प्रशासन से इस पर तत्काल अंकुश लगाने की मांग की है।
Author: Shahid Alam
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