देवघर डेस्क : जिले के चितरा थाना क्षेत्र में दशहरे की सुबह दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां सिकटिया अजय बाराज के आगे नहर में सुबह करीब 5:15 बजे एक बोलेरो गाड़ी के गिर जाने से उसमें सवार दो मासूम बच्चों सहित एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। दुर्घटना में गाड़ी में सवार एकमात्र जीवित चालक ही बचा है। विजयादशमी के दिन हुए हादसे से पूरा इलाका गमगीन है।घटना की सूचना पाकर सारठ विधायक रणधीर सिंह भी मौके पर पहुंचे तथा परिजनों को ढाढ़स बंधाया।
तस्वीरों को देख कर फट जाएगा कालेजा
घटना स्थल की एक तस्वीर देखकर लोगों का कलेजा फट गया, जिसे देखकर हर किसी का दिल रो पड़ा। तस्वीर में एक वृद्ध के हाथों में मासूम को थामे दिखाई दे रहा है। उसकी आंखें बंद है। एक पल को लग रहा है कि वह सो रहा है। हालांकि, हकीकत इससे विपरीत है। बच्चा अब इस दुनिया में नहीं रहा।
दुर्गा पूजा के लिए गांव गए थे सभी
घटना के संबंध में बताया गया कि चितरा थाना क्षेत्र के आसनसोल गांव निवासी मनोज चौधरी की बेटी व बच्चे दुर्गा पूजा के अवसर पर गांव आए थे। अपने बच्चों और पत्नी को लेने के लिए मनोज के दामाद गांव आए थे। सुबह करीब 4:30 बजे मनोज की बेटी लवली कुमारी, अपने पति, भाई और बच्चों के साथ मायके से अपने ससुराल गिरिडीह जिला अंतर्गत शाखो बांसडीह गांव के लिए बोलेरो से निकली थी।इस दौरान चालक का गाड़ी पर से संतुलन बिगड़ गया और बोलेरो सड़क किनारे रेलिंग तोड़ते ही बाराज के पास स्थित केनाल के गहरे पानी में जा गिरी। इस दौरान गाड़ी के चालक ने गेट खोलकर गाड़ी से किसी तरह बाहर निकलकर अपनी जान बचा ली, लेकिन उसका हाथ हादसे में टूटा है। चितरा थाना प्रभारी राजीव कुमार, मुखिया महादेव सिंह व स्थानीय ग्रामीणों ने सभी के शवों को पानी से बाहर निकाला। इस दौरान मौके पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।पुलिस ने चालक को हिरासत में ले लिया है।
गाड़ी के अंदर ही फंसे रहे सभी, मौके पर ही हुई मौत
वहीं अन्य लोग गाड़ी के अंदर ही फंसे रहे। जब तक लोगों को पता चलता और लोगों को बाहर निकाला जाता, तब तक सभी की मौत हो चुकी थी। इस हादसे में गिरिडीह जिला अंतर्गत शांखो बांसडीह गांव निवासी 32 वर्षीय मुकेश राय, उनकी पत्नी 28 वर्षीय लवली कुमारी, तीन वर्षीय बेटी जीवा कुमारी, एक वर्ष का बेटा और लवली का भाई चितरा थाना क्षेत्र के आसनसोल गांव निवासी 25 वर्षीय रौशन चौधरी की मौत हो गई।
खत्म हो गए खानदान को आगे बढ़ाने वाले
हादसे में मुकेश राय और उसके ससुराल दोनों के परिवार में वंश को आगे बढ़ाने वाले समाप्त हो गए। मुकेश राय अपने घर मे एकलौता पुत्र था। हादसे में उसके पूरे परिवार की मौत हो गई है। जबकि उसका साला रौशन भी अपने मां पिता का इकलौता बेटा था। ऐसे में दोनों परिवारों में वंश को आगे बढ़ाने के लिए कोई जीवित नहीं बचा है।