गौरी शंकर सिंह, छत्तरपुर : पलामू जिले के छत्तरपुर क्षेत्र में प्रचंड गर्मी के बीच पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। शहरी इलाकों का बुरा हाल है। नगर पंचायत के सभी 16 वार्डों में पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है। भीषण जल संकट की आशंका को देखते हुए नगर विकास विभाग ने फरवरी-2023 में ही सभी निकायों को एक्शन प्लान बनाने का निर्देश दिया था। लेकिन कागजों में बना एक्शन प्लान कागजों में ही सिमट गया। पानी की किल्लत शुरू होने से पहले पेयजल संकट की शिकायतों को दर्ज करने और उनपर कार्रवाई करने के लिए सभी निकायों ने टोल फ्री नंबर जारी किया था तथा नोडल ऑफिसर नियुक्त किये गये। लेकिन जैसे ही गर्मी बढ़ी तो बोरिंग व जलस्रोत सूख गए और पानी की किल्लत शुरू हुई। फिर नगर निकायों का सारा सिस्टम ध्वस्त हो गया। जब पानी और पानी पहुंचाने के लिए निकायों के पास जरूरी संसाधन ही नहीं है, तब शिकायतों का निपटारा होगा कैसे। गर्मी परवान पर है और लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। नगर पंचायत के सभी 16 वार्डों में मात्र एक टैंकर से करीब 50 हजार की आबादी को पानी आपूर्ति की सिर्फ खानापूरी की जा रही है, जो ऊंट के मुंह में जीरा कहावत को चरितार्थ कर रही है। क्षेत्रीय विधायक पुष्पा देवी ने 18 मार्च 23 को अल्पसूचित प्रश्न के जरिये विधानसभा में ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत 68 करोड़ रुपये की लागत से सोन नदी से पाइप लाइन द्वारा छत्तरपुर क्षेत्र के घरों में पेयजल मुहैया कराने की लंबित योजना को लेकर महत्वपूर्ण मामला उठाते हुए सवाल किये थे। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015-16 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस योजना की स्वीकृति दी थी। इस योजना से छत्तरपुर क्षेत्र के 50 हजार की आबादी को पेयजल की आपूर्ति की जानी थी। साथ ही इसके कमांड क्षेत्र में पड़ने वाले सरकारी व गैरसरकारी संस्थानों के अलावे हुसैनाबाद प्रखंड के 18 गांवो को इस योजना का लाभ मिलना था। परंतु 7 वर्षों बाद भी यह योजना धरातल पर नही उतरी। विधायक पुष्पा देवी ने इस योजना के बावत मामले को जब विधानसभा में उठाया तब इसकी अद्यतन स्थिति सामने आई। विधायक ने पूछा था कि छत्तरपुर अनुमंडल के अस्तित्व में आने के 26 वर्ष बाद आज भी शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लोग शुद्ध पेयजल के लिये तरस रहे हैं । पिछले 5-6 वर्षों से ड्राई जोन के रूप मे छत्तरपुर आगे बढ़ रहा है। पेयजल यहां के लोगो की समस्या बनकर रह गयी है। सोन नदी से पाइप लाइन द्वारा पेयजल आपूर्ति निर्माण कार्य धरातल पर कहां व किस स्थिति में है। विभागीय मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने विधायक के सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि छत्तरपुर व आसन्न ग्रामों में जलापूर्ति कार्य हेतु 9 फरवरी 2017 को संवेदक एसएमएस पर्यावरण प्राइवेट लि. को कार्य आबंटित कर एकरारनामा किया गया था। परंतु संवेदक द्वारा कार्य नहीं करने के कारण एकरारनामा रद्द करते हुए पुनः 22 अक्टूबर 2018 को संवेदक आरपीपी इंट्रा पीएल लि. को कार्य आबंटित किया गया है। कोविड-19 को लेकर लॉक डाउन के कारण कार्य बाधित रहा। मंत्री ने विधायक को आश्वस्त किया था कि यह कार्य शीघ्र शुरू हो जाएगा व निकट भविष्य में इसका सकारात्मक परिणाम भी दिखेगा। परंतु 7 वर्ष बाद भी पाइप लाइन बिछाने का कार्य लंबित है।
Author: Shahid Alam
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