रांची डेस्क : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लैंड स्कैम मामले में ईडी द्वारा बार-बार दिए जा रहे सम्मन व पूछताछ के विरोध में आदिवासी समाज ने सड़क पर उतर कर कर विरोध जताया है। सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ़ ईडी की कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार को आदिवासी संगठन आक्रोश मार्च निकाला है। केंद्रीय सरना समिति के नेतृत्व में विभिन्न आदिवासी संगठनों से जुड़े लोगों ने शुक्रवार को मोरहाबादी मैदान से राजभवन तक आक्रोश मार्च निकाला। आदिवासी समाज मुख्यमंत्री से 20 जनवरी को होने वाले पूछ्ताछ का विरोध कर रहा है।
केंद्र सरकार और भाजपा के इशारे पर आदिवासी मुख्यमंत्री को परेशान कर रही है ईडी
सरना झंडा और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तस्वीर लिए आक्रोश मार्च में शामिल विभिन्न आदिवासी संगठनों से जुड़े लोगों ने कहा है कि केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर ईडी एक आदिवासी मुख्यमंत्री को बार-बार परेशान कर रही है। इसकी वजह से आदिवासी समाज में खासा नाराजगी है। आक्रोश मार्च में शामिल महिलाओं ने कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री को बार-बार परेशान किया जा रहा है। इससे आदिवासी समाज खुद को अपमानित महसूस कर रहा है। यही कारण है कि आदिवासी समाज सड़क पर उतरकर विरोध जता रहा है।
बंगाल में चला था पत्थर, यहां चलेगा तीर-धनुष : अजय तिर्की
राजभवन के समक्ष आदिवासी संगठनों के धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे हैं अजय तिर्की ने कहा कि एक आंदोलनकारी दिशोम गुरु के बेटे को परेशान किया जा रहा है। राज्य की जनता द्वारा वोट से चुने गए मुख्यमंत्री का राज्य के सभी आदिवासी-मूलवासी सम्मान करत हैं। भाजपा के इशारे पर आदिवासी सीएम को लगातार परेशान किया जा रहा है। अजय तिर्की ने कहा कि ईडी भाजपा शासित राज्यों का रास्ता क्यों भूल जाती है। उन्होंने साफतौर पर कहा कि ईडी की मुख्यमंत्री से पूछ्ताछ पर पूरे आदिवासी समाज की नजर है। अगर ईडी ने मुख्यमंत्री को ज़रा सा भी अपमानित करने की कोशिश की तो जिस तरह बंगाल में ईडी पर पत्थर चला था, झारखंड में तीर-धनुष चलेगा।
20 जनवरी को मुख्यमंत्री से होनी है पूछ्ताछ
लैंड स्कैम मामले में 20 जनवरी को यानि कि कल राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी उनके आवास पर पूछ्ताछ करेगी। ईडी ने इसक पूर्व सीएम को आठ बार सम्मन भेजा था। आठवें सम्मन के जवाब में सीएम ने ईडी को 20 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास आकर बयान दर्ज करने को कहा है। आदिवासी समाज में इसी बात को लेकर रोष है। आदिवासी समाज सीधे तौर पर आरोप लगा रहा है कि केंद्र सरकार व भाजपा के इशारे पर प्रवर्तन निदेशालय काम कर रहा है और एक आदिवासी मुख्यमंत्री की छवि धूमिल की जा रही है।

Author: Shahid Alam
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