गौरी शंकर सिंह, छत्तरपुर : नगर पंचायत व आसपास के इलाकों में लगभग 50 हजार की आबादी अभी गर्मी के दस्तक देते ही जल संकट से जूझ रहा है। लोगों का कहना है कि पर्याप्त बारिश न होने से तालाब व नदियां सूख जाने के कारण भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है। वहीं क्षेत्र में पत्थर खदान में अवैध उत्खनन के कारण भी ऐसी स्थिति पैदा हुई है। कई स्थानों पर सर्दी व गर्मी में एक से हालात बने हुए हैं। स्थिति ऐसी है कि जलस्तर नीचे चले जाने से अधिकांश चापाकल सूख गए हैं। गिने चुने चापाकलों में दो-दो घंटे पर एक-दो बाल्टी पानी निकलता है। जबकि पहले सिर्फ गर्मियों में ही जल संकट रहता था। अभी से ही भूजल कम होने से जब ऐसी स्थिति बनी है तो आगे गर्मी में हालात क्या होगा कि आशंका को लेकर लोगों को चिंता सता रही है। जलस्रोत के अभाव में नगर पंचायत भी टैंकर द्वारा जलापूर्ति कर जल संकट से निपटने में फ्लॉप साबित हो रहा है। जल संकट को लेकर जनप्रतिनिधियों की ओर से बड़ी-बड़ी घोषणाएं की जाती रही है। बावजूद कोई आगे बढ़कर इसके प्रति गंभीरता नहीं दिखा रहा। इसको लेकर बीते 25 मार्च 2023 को छत्तरपुर आए पेयजल व स्वच्छता विभाग के मंत्री मिथिलेश ठाकुर से स्थानीय लोगों ने गुहार लगाई थी। मंत्री ने आश्वासन दिया था कि सरकार तीन माह में लोगों को पेयजल संकट से निजात दिला देगा। लेकिन उनका आश्वासन भी खोखला साबित हुआ। ऐसा नहीं कि छत्तरपुर क्षेत्र में पहली बार जल समस्या उत्पन्न हुई है। पिछले पांच-छह वर्षो से ड्राई जोन के रूप में छत्तरपुर आगे बढ़ रहा है। पानी यहां के लोगों की सबसे बड़ी समस्या बनकर रह गई है।
अब तक अधूरी है सोन नदी से पाइप लाइन द्वारा घरों में पानी सप्लाई करने की योजना
ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत 68 करोड़ रुपये की लागत से सोन नदी से पाइप लाइन द्वारा घरों में पानी सप्लाई करने की योजना का भूमि पूजन सांसद बीडी राम ने किया था। सांसद ने कहा था कि उनके प्रयास से वर्ष 2015-16 में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस योजना की स्वीकृति दी है। पाइप लाइन द्वारा पहली बार करीब 50 हजार आबादी को पानी की आपूर्ति की जानी थी। बताया गया था कि इस योजना से छत्तरपुर, सड़मा, कंगालीडीह, बारा, खाटीन, मसिहानी, मदनपुर, पहाड़ी, खेन्दरा, लठेया, गोठा, कालापहाड़, लावादाग व डूंडर गांव को पानी मिलेगा। साथ ही इसके कमांड क्षेत्र में पड़नेवाले सभी सरकारी व गैरसरकारी संस्थानों को पाइप लाइन जलापूर्ति से जोड़ा जाएगा। इसके अलावे हुसैनाबाद प्रखंड के भी 18 गांवों को इस योजना का लाभ मिलेगा। परंतु अब तक निर्माण कार्य मंथर गति से होने से यह योजना अबतक धरातल पर नहीं उतर सकी है। जल संकट से निजात के लिए न तो अब तक विधायक व सांसद की कोई सार्थक पहल रही है और न ही नगर पंचायत व ग्राम पंचायत के जन प्रतिनिधियों का उलगुलान। आज के दिन भी जल संकट से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं।
Author: Shahid Alam
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