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बुखार के इलाज के दौरान बच्ची की मौत, परिजनों ने लगाया गलत इलाज करने का आरोप

बच्ची की बेसुध मां

नरेंद्र सिंह, विश्रामपुर : पलामू जिले के विश्रामपुर नगर पंचायत अंतर्गत वार्ड-01 निवासी अनिल राम की एकलौती पुत्री अंजली कुमारी (08 वर्ष) का बुखार के इलाज के दौरान निजी क्लिनिक में मौत हो गई। परिजनों ने हॉस्पिटल संचालक पर गलत दवा देने और इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। मृतक चौथी कक्षा की छात्रा थी।

अस्पताल में पुलिस

 

क्या है पूरा मामला

अनिल राम की बेटी अंजली को तेज बुखार था। परिजन उसे इलाज के लिए बुधवार दोपहर में पास के गोदरमा कला गांव में बीमोड़ चौक स्थित निजी क्लिनिक न्यूरो केयर हॉस्पिटल ले गए। बतौर चिकित्सक शमशेर आलम ने बताया कि बीमार बच्ची को बुखार का पारासीटामोल और एंटीबायोटिक इंजेक्शन देने के बाद सैलाइन चढ़ाना शुरू किए थे। लेकिन दस मिनट के अंदर ही अनिल राम की इलाजरत पुत्री की मौत हो गई। इसके बाद परिजन के रुदन और चीत्कार मच गया। अस्पताल में मृतका के घर की महिलाएं रोते-रोते बेसुध हो गई।

रोते-बिलखते परिजन

परिजनों व ग्रामीणों ने किया हंगामा

मृतका के पिता अनिल राम ने गलत तरीके और लापरवाही से इलाज करने से उनकी इकलौती मासूम बिटिया की मौत होने का दर्द सुनाते हुए दोषी चिकित्सक पर आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की। अंजली की मौत की खबर मिलते ही मृतका के परिजन व गांव से कई लोग पहुंचकर क्लीनिक में हंगामा शुरू कर दिए। सभी चिकित्सा कर रहे गढ़वा के उंचरी निवासी शमशेर को गलत इलाज करने के दोषी बताकर गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय निवासी कांग्रेस नेता मनु पांडेय और नगर मंडल भाजपा अध्यक्ष बबन राम, केतातकला के पूर्व मुखिया सेठ चौबे, जेएमएम नेता एमामुल हक उर्फ गुड्डू स्थिति को शांत कराने में जुट गए।सूचना पाकर रेहला थाना से सदलबल पहुंचे एएसआई रामचंद्र चौधरी ने दोनों पक्षों को समुचित कानूनी कारवाई का भरोसा देकर काफी प्रयास के बाद अस्पताल के बेड पर मृत पड़ी बच्ची का पंचनामा बनाकर पोस्टमॉर्टम हेतु एमएमसीएच, मेदिनीनगर भेज दिया। वहीं मौके की नजाकत देख रेहला थाना पुलिस ने क्लीनिक को बंद कर न्यूरो होम संचालक शमशेर को हिरासत में लेकर रेहला थाना ले आए।

आरोपी चिकित्सक

क्या कहना है आरोपी चिकित्सक का

पुलिस की हिरासत में लिए गए चिकित्सक शमशेर आलम ने बताया कि दो साल पहले वह गढ़वा से आकर यहां न्यूरो केयर अस्पताल खोले हैं। उन्होंने अपना आयुर्वेद से बीएएमएस डिग्री धारक बताया। हालांकि क्लीनिक में सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं था।

क्या कहना है थाना प्रभारी का

इस बाबत रेहला थाना प्रभारी नेमधारी रजक ने बताया कि मृतका के पिता पोस्टमॉर्टम कराकर अपना फर्द बयान दर्ज कराएंगे। इस आलोक में अग्रेतर विधिसम्मत कारवाई वरीय पदाधिकारी के मार्गदर्शन लेकर किया जायेगा।

विश्रामपुर में झोलाछाप चिकित्सकों का बेरोकटोक चल रहा है धंधा

विश्रामपुर के सरकारी अस्पताल में चिकित्सक की कमी के कारण समय पर इलाज नहीं हो पाने की मजबूरी का लाभ बड़े-बड़े साइनबोर्ड लगाकर कुकुरमुत्ता की तरह बैठे झोलाछाप डॉक्टर खूब उठा रहे हैं। दीगर बात है कि इस लाचारी और संसाधन व सामर्थ्य की कमी की मजबूरीे में इलाज को लेकर आए जनसाधारण के मरीज को गलत ट्रीटमेंट के परिणामस्वरूप असमय जान चले जाने का अक्सर इन निजी क्लिनिक से मामला आ रहा है। बावजूद अबतक कोई ठोस कानूनी कदम इनके विरुद्ध अबतक नहीं की गई है।

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