हजारीबाग डेस्क : जिला मुख्यालय स्थित व्यवहार न्यायालय से फर्जी दस्तावेज और मुहर की मदद से फर्जी एडमिट कार्ड तैयार कर इंटरव्यू देने के आरोप में चार मुन्ना भाइयों को पकड़ा गया है। पुलिस के हत्थे चढे़ चार आरोपी में से तीन बिहार के नालंदा जिले के व एक आरोपी पटना के बख्तियारपुर के रहने वाले हैं। पुलिस सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछ्ताछ कर रही है।
कैसे पकड़े गए मुन्ना भाई
हजारीबाग व्यवहार न्यायालय में गत् एक सप्ताह से चतुर्थवर्गीय कर्मचारी की बहाली को लेकर इंटरव्यू चल रहा है। मिली जानकारी के अनुसार 119 पदों के लिए करीब 58 हजार वेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से करीब 28 हजार आवेदन को रद्द कर दिया था। वहीं शेष अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड जारी कर उनका इंटरव्यू लिया जा रहा था। शनिवार की सुबह करीब 10:00 बजे चारों मुन्ना भाई उस वक्त पकड़े गए, जब उनका रौल नंबर शनिवार को इंटरव्यू के लिए जारी रौल नंबर से अलग निकला। रौल नंबर अलग पाए जाने के बाद उनकी गहनता से जांच की गई तो पता चला कि जिस रौल नंबर का एडमिट कार्ड लेकर वे इंटरव्यू देने पहुंचे हैं, उस रौल नंबरका इंटरव्यू तीन दिन पहले ही समाप्त हो चुका है।
पुलिस ने लिया हिरासत में, पूछताछ जारी
मामला सामने आने के बाद इनके एडमिट कार्ड की गहनता से जांच की गई तो एडमिट कार्ड पर लगे मुहर से इनकी पोल खुल गई। जांच के एडमिट कार्ड ही फर्जी पाया गया। तत्काल इसकी सूचना कोर्ट रजिस्ट्रार को दी गई। वहीं मामले के उद्भेदन के बाद सूचना के मिलने बाद सदर थाना प्रभारी ललित कुमार ने मौके पर पहुंच कर पकड़े गए आरोपी शंकर कुमार, पिता उपेंद्र यादव (सिलाव नालंदा ), सोनू कुमार और दिलीप कुमार, पिता गणौरी यादव (सुरुमपुर नालंदा) तथा अभिषेक कुमार, पिता गुड्डू सिंह (दियारा अथमनगोला पटना) को हिरासत में लेकर थाना ले गए। पुलिस सभी आरोपियों से पुछताछ कर रही है। इस संबंध में सदर थाना में फर्जीवाड़ा और जाली मुहर और हस्ताक्षर की मदद से एडमिट कार्ड तैयार करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
क्या कहना है रजिस्ट्रार का
इस संबंध में व्यवहार न्यायालय के रजिस्ट्रार मोहित कुमार ने बताया कि साक्षात्कार की हर दिन की समीक्षा हो रही है और पूरे समय जिला सत्र न्यायाधीश इस पर नजर रखते हैं। शनिवार को संदिग्ध की जांच पर यह स्पष्ट हो गया कि ये लोग जाली दस्तावेज तैयार कर साक्षात्कार देने आए थे। इन्हें विधिवत पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया गया है। न्यायालय।
Author: Shahid Alam
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