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पलामू : नियमों को ताक पर रखकर 12 वर्षों से हाई स्कूल के एचएम बने हुए हैं प्राथमिक शिक्षक राजेश

स्तरोन्नत उच्च विद्यालय, उदयगढ़ (इनसेट में प्रभारी प्रधानाध्यापक राजेश कुमार)

गौरी शंकर सिंह, छत्तरपुर : शिक्षा विभाग के आदेश को धत्ता बताते हुए जिले के छत्तरपुर प्रखण्ड में एक प्राथमिक शिक्षक उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक के रूप में 12 वर्षों से कार्यरत है। उल्लेखनीय है कि प्रारंभिक विद्यालय में बहाल प्राथमिक शिक्षक को स्तरोन्नत उच्च विद्यालय में प्रधानाध्यापक नहीं बनाना है। इस संदर्भ में जिला शिक्षा पदाधिकारी पलामू द्वारा जारी एक पत्र (पत्रांक 1270/दिनांक 15-07-2019) में बताया गया था कि शिक्षा विभाग ने आदेश किया है कि मध्य विद्यालय से स्तरोन्नत उच्च विद्यालय में प्रारंभिक शिक्षक ही विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक के प्रभार में कार्यरत हैं, जो नियम संगत नहीं है। इन प्रारंभिक विद्यालयों के प्रभारी द्वारा उच्च विद्यालय को सुचारू रूप से संचालन व उनके अभिलेखों के संधारण और रख रखाव में अभिरुचि नहीं ली जा रही है। उक्त पत्र के माध्यम से डीईओ ने आदेशित किया था कि स्तरोन्नत उच्च विद्यालय में नियुक्त वरीयतम ट्रेंड ग्रेजुएट शिक्षक विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य करेंगे। इसके बावजूद विभाग को अंगूठा दिखाकर और नियम को ताक पर रखकर 12 वर्षों से प्राथमिक शिक्षक राजेश कुमार प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। यह मामला छत्तरपुर प्रखंड के स्तरोन्नत उच्च विद्यालय उदयगढ़ का है। जबकि विद्यालय में ट्रेंड ग्रेजुएट शिक्षक संगीता कुमारी, सुरयदेशी राम व जितेंद्र कुमार तिवारी कार्यरत हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 15 जुलाई 2019 को पत्र के माध्यम से 7 दिनों के अंदर विद्यालय का संपूर्ण प्रभार वरीयतम ट्रेंड ग्रेजुएट शिक्षक को सौंपने का निर्देश दिया था। बावजूद राजेश कुमार विभाग के आदेश के विरुद्ध अपने पद पर कार्यरत हैं।

बच्चों व अभिभावकों ने लगाया है अवैध वसूली समेत कई गंभीर आरोप

विदित हो कि स्तरोन्नत उच्च विद्यालय उदयगढ़ के प्रभारी एचएम राजेश कुमार पर छात्रों व अभिभावकों सहित शिक्षको ने भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि 10वीं की प्रायोगिक परीक्षा में नंबर देने के नाम पर 500 रुपए व नौवीं के प्रत्येक विद्यार्थी से 300 रुपए की वसूली की गई है। मैट्रिक परीक्षा के रजिस्ट्रेशन के लिए 600 से 700 जबकि परीक्षा फॉर्म भरने के लिए 1200 से 1300 रुपए प्रति विद्यार्थी वसूला गया है। विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र निर्गत करने समय भी पैसा मांगा जाता है। आरोप यह भी है कि विद्यालय को प्रति वर्ष प्राप्त होनेवाले किताबों को रद्दी में बेच दिया जाता है। विद्यालय विकास की राशि खर्च नहीं की जाती है। आरोप है कि मध्याह्न भोजन की राशि गबन करने के लिए प्रभारी प्रधानाध्यापक सभी कक्षा के बच्चों की उपस्थिति खुद बनाते हैं। साथ ही जो बच्चे विद्यालय नहीं आते उनकी भी हाजरी बना दी जाती है। ऐसे अन्य कई गंभीर आरोपों के बाबत प्रभारी प्रधानाध्यापक के विरुद्ध 20 दिसंबर 2023, 13 जनवरी व 15 फरवरी 2024 को और इसके पूर्व भी उपायुक्त सहित संबंधित वरीय अधिकारियों से शिकायत की गई है, लेकिन अबतक कार्रवाई नहीं हुई। प्रभारी प्रधानाध्यापक राजेश कुमार वर्ष 2000 में योगदान किया था। तब यह प्राइमरी स्कूल था, जो वर्ष 2011-12 में अपग्रेड होकर हाई स्कूल हो गया है। राजेश कुमार 24 वर्ष से इस स्कूल में कार्यरत है। जो अब उच्च विद्यालय में भी प्रधानाध्यापक बने हुए हैं। इस बाबत पूछे जाने पर प्रधानाध्यापक राजेश कुमार ने कहा कि वे 24 वर्षों से इस स्कूल में कार्यरत हैं। उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं।

Shahid Alam
Author: Shahid Alam

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