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ग्रामीणों के आक्रोश को दबाने के बजाय समस्या का निराकरण करे प्रशासन : राधाकृष्ण किशोर

गौरी शंकर सिंह, छत्तरपुर : डुमरी (नौडीहा बाजार) से बीसफुटा तक 3.5 किलोमीटर सड़क की स्थिति पत्थर लदे भारी वाहनों के परिचालन से अत्यंत जर्जर हो गई है। बुरी तरह से क्षतिग्रस्त इस सड़क पर निर्धारित क्षमता से अधिक वजन लदे वाहनों के परिचालन के चलते पर्यावरण दूषित हो रहा है। साथ ही इसका बुरा असर झरहा-बलरा के ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। सड़क निर्माण को लेकर ग्रामीण तीन माह से आंदोलनरत हैं। इस समस्या को लेकर ग्रामीणों के आग्रह पर पूर्व मंत्री राधाकृष्ण किशोर झरहा-बलरा गांव पहुंचे और सड़क की दुर्दशा से उत्पन्न समस्यायों की जानकारी ग्रामीणों से ली। साथ ही क्षतिग्रस्त सड़क का जायजा लिया। पूर्व मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने प्रेसवार्ता कर बताया कि बीते 4 वर्षों से इस क्षेत्र में निर्धारित मानक से अधिक पत्थर लदे हाइवा के परिचालन से धीरे-धीरे सड़क की स्थिति जर्जर होती चली गई। बीते बरसात में भारी वाहनों के परिचालन से ग्रामीण सड़क जब पूर्णतः ध्वस्त हो गई तो इस परिस्थिति में ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट जाना स्वाभाविक था। उन्होंने बताया कि कई स्थानों पर सड़क की चौड़ाई 10 फीट है, जिसमें 8 फीट चौड़ाई वाले वाहनों के परिचालन से ग्रामीणों का पैदल चलना दूभर हो गया है। सड़क के क्षतिग्रस्त होने के कारण उक्त सड़क पर स्कूल बस व एंबुलेंस भी जाने को तैयार नहीं होते। पूर्व मंत्री ने कहा कि उक्त समस्या के समाधान के लिए स्थानीय प्रशासन को क्रशर प्लांट संचालकों, माइंस लीजधारकों व ग्रामीणों के साथ बात कर निदान ढूंढने की जरूरत है। ग्रामीणों के आक्रोश को दबाने के बजाय समस्या का निराकरण कर उनके आक्रोश को शांत करने की जरूरत है। उन्होंने ने बताया कि सूचना के अनुसार जिला खनिज कोष में करीब 38 करोड़ रुपए उपलब्ध है, जिससे खनन प्रभावित क्षेत्र में पथ निर्माण विभाग के मानक के अनुसार पथ निर्माण कराया जा सकता है। संभवतः समस्या का यही हल है।

आदेश का उल्लंघन कर बैरियर तोड़ कर भारी वाहनों का परिचालन जांच का विषय : पूर्व मंत्री 

पूर्व मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि यह पथ ग्रामीण विकास विभाग का पथ है। कार्यपालक अभियंता ग्रामीण विकास विभाग, मेदिनीनगर प्रमंडल ने पत्रांक 643/17.6.2021 द्वारा जारी आदेश में कहा है कि उक्त पथ की भार वाहन क्षमता मात्र 10 टन है। इस पथ पर भारी वाहनों का परिचालन वर्जित है। भारी वाहनों का परिचालन रोकने हेतु बैरियर लगा दिया गया है। तब बिना विभागीय अनुमति किसके द्वारा बैरियर तोड़ा गया। बैरियर तोड़ना विभागीय आदेश का सरासर उल्लंघन है। इस बाबत भी जांच की आवश्यकता है।

Shahid Alam
Author: Shahid Alam

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