Home » झारखंड » राँची » झारखंड : बुधवार से कुर्मी आंदोलन के कारण नौ ट्रेनें कैंसिल, आठ अन्य के मार्ग बदले

झारखंड : बुधवार से कुर्मी आंदोलन के कारण नौ ट्रेनें कैंसिल, आठ अन्य के मार्ग बदले

आज़ाद दर्पण डेस्क : कुर्मी संगठनों के बुधवार से रेल पटरियों को अनिश्चितकाल के लिए अवरुद्ध करने के आह्वान के मद्देनजर दक्षिण-पूर्व रेलवे के रांची रेल मंडल में नौ एक्सप्रेस ट्रेन रद्द कर दी गईं और आठ अन्य का मार्ग बदल दिया गया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी,कई कुर्मी संगठनों ने समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने और कुरमाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए 20 सितंबर से झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के नौ रेलवे स्टेशन पर रेल पटरियों को अनिश्चितकाल के लिए अवरुद्ध करने का आह्वान किया है,रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जो ट्रेन मंगलवार को अपने संबंधित स्टेशन से प्रस्थान करने वाली थी और अगले दिन रांची रेल मंडल में प्रवेश करने वाली थी, उन्हें एहतियातन या तो रद्द कर दिया गया है या फिर उनका मार्ग बदल दिया गया है. झारखंड के अग्रणी कुर्मी संगठन ‘टोटेमिक कुर्मी विकास मोर्चा’ (टीकेवीएम) के अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहा कि पश्चिम बंगाल के आदिवासी कुर्मी समाज और ओडिशा की कुर्मी सेना सहित कई संगठन आंदोलन में शामिल होंगे, 20 सितंबर से झारखंड में मुरी, गोमो, नीमडीह और घाघरा स्टेशन, पश्चिम बंगाल में खेमासुली व कुस्तौर स्टेशन तथा ओडिशा में हरिचंदंपुर, जराइकेला एवं धनपुर स्टेशन पर रेल पटरियों को अनिश्चितकाल के लिए जाम किया जाएगा,ओहदार ने कहा, ‘पारंपरिक पोशाक पहने कुर्मी समुदाय के हजारों लोग ढोल और अन्य वाद्ययंत्र बजाते हुए और छऊ, पाटा, नटुवा व झूमर नृत्य करते हुए आंदोलन में हिस्सा लेंगे,कुर्मी संगठनों ने अपनी मांग पर दबाव बनाने के लिए पिछले साल 20 सितंबर को पांच दिन के लिए रेल पटरियों को जाम किया था, जिससे रेल यातायात प्रभावित हुआ था i

ओहदार ने समुदाय के सांसदों से संसद के मौजूदा सत्र के दौरान इस मांग को उठाने का आग्रह किया. आदिवासी कुर्मी समाज (एकेएस) के केंद्रीय प्रवक्ता हरमोहन महतो ने दावा किया कि ब्रिटिश शासन के दौरान 1913 में कुर्मियों को अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के रूप में सूचीबद्ध किया गया था. उन्होंने कहा, ‘जब केंद्र ने छह सितंबर 1950 को एसटी सूची अधिसूचित की, तो कुर्मियों को पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा में अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) की सूची में डाल दिया गया’. महतो ने कहा, ‘प्राचीन काल से कुर्मी अनुसूचित जनजाति के रहे हैं’. उन्होंने दावा किया कि तीनों राज्यों में उनकी आबादी दो करोड़ से अधिक होने का अनुमान है.

Mahboob Alam
Author: Mahboob Alam

0
0

RELATED LATEST NEWS

Top Headlines

मंईयां सम्मान योजना : मुख्यमंत्री भेजेंगे लाभुकों के खाते में 5000, देखें लाइव प्रसारण

आजाद दर्पण डेस्क : राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज राज्य भर के मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों के खाते

error: Content is protected !!