नरेंद्र सिंह, विश्रामपुर : पलामू जिला शिक्षा अधीक्षक के द्वारा शनिवार को तोलरा दुसाध टोला स्थित एनपीएस का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के मौके पर विद्यालय बंद पाए गए। शिक्षक को फोन कर विद्यालय में बुलाया गया। इसके बाद जांच की प्रक्रिया पूरी की गई। जांच के क्रम में जिला शिक्षा अधीक्षक ने विद्यालयों में दिन सारी कमियां पाई जो अनियमितता का जीता जागता उदाहरण है। विद्यालय बंद होने के कारण एक भी बच्चे नहीं पाए गए। ऐसे में मध्याह्न भोजन भी बंद पाया गया। शिक्षा का अलख जगाने के लिए विद्यालय में भगवान का दर्जा दिए जाने वाले शिक्षक ही जब बच्चों के मुंह का निवाला छीनने लगे तो ऐसे में पुरा सिस्टम त्रस्त हो जाता है। ऐसा ही मामला प्रखंड क्षेत्र के तोलरा गांव में देखने को मिला। स्कूल सर्व शिक्षा अभियान के तहत चलाई जा रही है। दलित आबादी वाले टोले में स्कूल इसलिए खोला गया था कि यहां के बच्चों को शिक्षा दी जा सके। इस दायित्व को निभाने के लिए शिक्षक की नियुक्ति की गई है। लेकिन शिक्षक के दबंगई के आगे पुरा सिस्टम आजतक त्रस्त था। न तो ग्रामीण और न ही जनप्रतिनिधि, कोई भी इस विद्यालय के शिक्षक के विरुद्ध बोलना नहीं चाहते थे। पिछले 23 वर्ष से विद्यालय में भवन पर भवन बनाकर शिक्षक रूपी संवेदक की कमाई होती रही और भवन में छात्र कभी दो, कभी चार से ज्यादा दिखे ही नहीं। स्थानीय लोगों ने बताया की स्कूल के प्रधानाध्यापक ओमनारायण तिवारी का घर स्कूल से 100 मीटर की दूरी पर है। प्रतिदिन 9 बजे विद्यालय पहुंचकर अटेंडेंस बनाते हैं फिर दरवाजे को बंद कर 3:00 बजे जाकर एक बार फिर से अटेंडेंस बना पूरे दिन रहने की साक्ष्य संग्रह कर लेते हैं।
विद्यालय में केवल रजिस्टर पंजी में नामांकित छात्र देखे जाते हैं जो कहीं विद्यालय नहीं आते। कागज पर ही मध्यान भोजन भी संचालित हो रहा है। लेकिन कोई बोलने वाला नहीं। शनिवार को जिला शिक्षा अधीक्षक मनोज कुमार ने स्कूल का निरीक्षण किया। जिस गांव में खुशी का माहौल देखा जा रहा शायद इसके बाद विद्यालय के शिक्षक ओम नारायण तिवारी के कार्य पद्धति में सुधार हो जाए। गांव की दबंग परिवार होने के कारण भयवश लोग कुछ बोल नहीं पाते।
शिक्षक ओम के बड़े भाई भी लोकेशन के साथ छेड़छाड़ कर बनाते रहे हैं फर्जी अटेंडेंस
दुसाध टोला एनपीएस के शिक्षक ओम नारायण तिवारी के बड़े भाई दीनानाथ तिवारी भी कभी विद्यालय नहीं जाते। जिला मुख्यालय में अपना आवास स्थापित कर रखे हैं। जहां से लोकेशन के साथ छेड़छाड़ कर अपना अटेंडेंस बनाते रहे हैं। पलामू में 214 शिक्षकों के द्वारा ऐसी हरकत की जाती रही है, जिसमें एक दीनानाथ तिवारी का भी नाम है। शिक्षक अपनी पहुंच जिला मुख्यालय के सभी बड़े अधिकारियों तक बताते हुए उल्टे लोगों पर ही धौंस जमाते हैं। उनके विद्यालयों में बच्चों की संख्या शून्य है। केवल बड़े-बड़े भवन ही विद्यालय की शोभा बनी हुई है।
क्या कहना है जिला शिक्षा अधीक्षक का
इस संबंध में जिला शिक्षा अधीक्षक मनोज कुमार ने कहा कि स्कूल का निरिक्षण किए हैं। बहुत सारी त्रुटियां पाई गई है। हम जांच रिपोर्ट पलामू उपायुक्त को सुपुर्द करेंगे। मर्ज की स्थिति पर भी उपायुक्त महोदय को अवगत कराया जाएगा।