गौरी शंकर सिंह, छत्तरपुर : थाना क्षेत्र अंतर्गत सुशीगंज गांव से मानवता को शर्मसार कर देनेवाला मामला उजागर हुआ है। एक मां ने अपने नवजात बच्ची को गांव के पासवान टोला स्थित धान के खेत में मरने के लिए फेंक दिया। लेकिन कहते हैं न जाको राखे साइयां मार सके न कोय। यह कहावत उस समय चरितार्थ होती दिखी, जब धान के खेत में बच्ची की रोने की आवाज सुनकर कुछ ग्रामीणों की नजर बच्ची पर पड़ी। ग्रामीणों ने तत्काल बच्ची को अस्पताल पहुंचाया। चिकित्सक ने बच्ची को स्वस्थ बताया है। गांव के ही अयोध्या पासवान व उनकी पत्नी ने बच्ची को अपने पास सुरक्षित रखा है और उसकी देखभाल कर रहे हैं। एक तरफ तो सरकार भ्रूण हत्या पर रोकथाम के लिए पूरा प्रयास कर रही है। वहीं दूसरी ओर ममता को कलंकित करने वाली मां हैवानियत की हद पार कर अपनी नवजात बेटी को धान खेत में पटक गई। गनीमत तो यह रही कि आवारा कुत्तों ने नवजात बच्ची को शिकार नहीं बनाया, वरना एक बड़ी अनहोनी हो सकती थी। घटना की सूचना पाकर लठेया पुलिस पिकेट से एसआई रोशन किंडो मौके पर पहुंच कर नवजात के माता-पिता का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है।
Author: Shahid Alam
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