नरेंद्र सिंह, विश्रामपुर : नगर परिषद अंतर्गत वासंतिक नवरात्र में गढ़वा रोड स्टेशन परिसर स्थित प्राचीन सिद्धपीठ श्री योगीबीर देवस्थल पर आयोजित श्रीराम चरितमानस नवाह्वपरायण महायज्ञ के उत्तरार्ध में प्रवेश के साथ पूरा रेहला कस्बा भगवान राम और शक्ति की भक्ति में लीन होने लगा है। इधर इस धार्मिक अनुष्ठान के उपलक्ष्य में अयोध्या से पधारे भागवत और रामकथा के प्रकांड विद्वान और राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त प्रवचनकर्त्ता स्वामी कृष्णानंद शास्त्री ने प्रतिपदा की रात्रिकाल से नियमित रूप से भागवत और शिवपुराण के सुग्राह्य उपदेश दिया। इसमें स्वामी जी ने खासतौर से शिव-पार्वती की निश्चलभाव से भक्तजनों के द्वारा पूजा आराधना से प्रसन्न होने की बात कही। इस क्रम में शिव पार्वती के विवाह और इसमें शामिल अद्भुत बाराती के आगे माता पार्वती का यज्ञ अनुष्ठान में उनके पिता राज दक्ष के द्वारा किए गए अपमान का वर्णन करते हुए कई मार्मिक प्रसंगों का जिक्र किया। वहीं प्रवचन स्थल पर व्यास मंच के समीप शिव-पार्वती के विवाह पर आधारित झांकी की मनमोहक प्रस्तुति ने शमां बांध दिया। प्रवचन सुनने देखने आई महिलाओं ने श्रद्धापूर्वक देवाधिदेव महादेव और माता पार्वती के चरण स्पर्श कर आशीष मांगे। इस शिवपुराण के धार्मिक और लौकिक पक्ष की प्रासंगिक व्याख्या करते हुए स्वामी कृष्णानंद ने कहा की शिव विश्वास स्वरूप हैं। वहीं शक्ति स्वरूपा माता पार्वती श्रद्धा स्वरूप हैं। दोनों को जीवन में आत्मसात कर लेने से मानव जीवन धन्य हो जाता है।

Author: Shahid Alam
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