पलामू डेस्क : जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के पहाड़ी मोहल्ला स्थित ईदगाह मैदान में बुधवार को एदारा-ए-शरिया तहरीक-ए-बेदारी इस्लाहे मुआशरा कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। कॉन्फ्रेंस में एदारा-ए-शरिया के सदर मौलाना गुलाम रसूल बलियावी के साथ-साथ देश के कई जाने-माने उलेमा व समाज सुधारकों ने शिरकत की। साथ ही कॉन्फ्रेन्स में पूरे पलामू प्रमंडल के विभिन्न प्रखंडों से हजारों की तादाद में मुसलमानों ने भाग लेकर कॉन्फ्रेंस को ऐतिहासिक बना दिया।
जिसकी जितनी जनसंख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी : मौलाना बलियावी
कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एदारा-ए-शरिया के सदर मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने तथाकथित सेक्युलर पार्टियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज तक मुसलमान को सिर्फ यूज किया गया है। लेकिन अब मुसलमान जाग गया है। अब मुसलमानों को सत्ता की चाभी चाहिए। हमारी जितनी जनसंख्या भारी है, हमें उतनी हिस्सेदारी सत्ता व नौकरियों मे हर हाल में चाहिए। साथ ही उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि झारखंड बनने के 23 साल बाद भी मदरसा बोर्ड का गठन नहीं किया गया है। यह मुसलमानों के साथ धोखा है। साथी उन्होंने उर्दू स्कूलों को बंद करने पर भी राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि उर्दू स्कूलों को मर्ज करना और उसे हिंदी बनाना हमारी सभ्यता और संस्कृति को मिटाने की साजिश है। झारखंड का मुसलमान यह बर्दाश्त नहीं करेगा।
अपने हक के लिए लड़ने से पहले मुआशरे को सुधारना होगा
मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि आज का मुसलमान तमाम तरह की बुराईयाओं में डूब हुआ है। दहेज के नाम पर बहन-बेटियों की आबरू से खिलवाड़ किया जा रहा है। शादी में बैंड-बाजा व पटाखों की फिजूलखर्ची की जा रही है। बारात के नाम पर पूरी रैली लेकर बेटी के घर जाया जा रहा है। लोग शराब और दूसरे नशे के आदि हो रहे हैं। अगर यही हाल रहा तो हमारा मुस्तकबिल अंधेरे में डूबा हुआ है। हमें अपने हक अधिकार के लिए लड़ने से पहले खुद के मुआशरे को सुधारना होगा। आज से यहां मौजूद मुसलमान अहद कर ले कि अपने बेटे की शादी बिना दहेज लिए करेंगे और चंद लोगों की मौजूदगी में निकाह कर दुल्हन को घर ले आएंगे। साथ ही उन्होंने कॉन्फ्रेंस में मौजूद इलाके के तमाम अंजुमन की कमेटियों के ओहदेदारानों को मशवरा देते हुए कहा कि आप मस्ज़िदों से ऐलान कर दें कि यदि हमारे इलाके में कोई भी बारात बैंड-बाजे और पटाखे के साथ आती है तो उस दूल्हे का निकाह हमारे मस्जिद का इमाम या काजी नहीं पढ़ाएगा। गुलाम रसूल बलियावी की इस पुकार का पूरे मज़मे ने ताईद किया और एक आवाज में कहा कि हम इस मसले को हर हाल में अमल में लाएंगे। कॉन्फ्रेंस के दौरान मौलाना गुलाम रसूल बलियावी के अलावे मौलाना सैफुल्लाह अलीमी, मुफ़्ती मुजाहिद हुसैन, मौलाना सैयद शबीहुल हक हाश्मी सहित दीगर उलमा ने मुआशरे में फैले हुए तरह-तरह की बुराइयों को दूर करने के लिए शरीयत की रौशनी में रास्ता बताया और नेक मशवरों से पूरे मजमे को नवाजा।
उपायुक्त को सौंपा जाएगा मुख्यमंत्री के नाम का मांग पत्र
कॉन्फ्रेंस के आखिर में एदारा-ए-शरिया के सदर मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने मुख्यमंत्री के नाम लिखें एक मांग पत्र को मजमे के साथ साझा किया। मांगपत्र में इस्लाम के आखिरी पैगम्बर हजरत मोहम्मद की इज्जत व आबरू की रक्षा के लिए अधिनियम बनाकर लागू करने, एससी-एसटी एक्ट की तरह मुस्लिम सेफ्टी एक्ट बनाने और लागू करने, मर्ज और बंद हुए उर्दू स्कूलों को पुन: चालू करने, मदरसों को वित्तपोषित करने, मदरसा बोर्ड का यथाशीघ्र गठन करने, अल्पसंख्यक छात्रों के लिए जेपीएससी, यूपीएससी, नीट व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग की व्यवस्था करने, हैंडलूम कॉर्पोरेशन बुनकर समिति का पुनर्गठन करने, जिला मुख्यालयों में उर्दू आवासीय विद्यालय खोलने सहित कई मांगें की गयी हैं। गुरुवार को यह मांगपत्र पलामू उपायुक्त को प्रतिनिधिमण्डल के द्वारा सौंपा जाएगा।
कौन-कौन रहे कॉन्फ्रेंस में मुख्य रूप से मौजूद
कॉन्फ्रेंस में मुख्य रूप से मौलाना सैयद रजी अहमद शमसी, मौलाना महताब आलम जेयाई, मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी, हाफिज अबुल कलाम, मुफ़्ती मुजीबुल्लाह रिजवी, मौलाना मुजाहिद हुसैन, शायरे इस्लाम दिलकश रांचवी, मौलाना जुबैर अंसारी, कारी जसीम शमीमी, समाजसेवी मुमताज़ अहमद खान, मुहर्रम इंतजामिया कमेटी के खलीफा शहरयार अली, जीशान खान, मुस्तफा कमाल सहित हजारों की संख्या में पूरे प्रमंडल के मुसलमान शामिल हुए।
Author: Shahid Alam
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