आजाद दर्पण डेस्क : विभिन्न जनसंगठनों के नेताओं और पत्रकारों के गिरफ्तारी को लेकर भाकपा माले, अखिल भारतीय किसान महासभा, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), ऐपवा, झामस, ग्राम स्वराज मजदूर सभा, आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने मनिका थाना प्रभारी राणा भानु प्रताप सिंह के खिलाफ लातेहार जिले के मनिका में जनाक्रोश मार्च निकाला। मार्च मनिका के पंचफेड़ी चौक से हाई स्कूल होते हुए पुनः पंचफेडी चौक पर जनसभा में तब्दील हो गई। सभा की अध्यक्षता झामस नेता इंद्रदेव सिंह और संचालन आइसा नेता रंजीत सिंह ने किया।
थाना प्रभारी ने दुष्कर्म के आरोपी को किया बचाने का प्रयास : बीएन सिंह
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष डॉ बी एन सिंह ने जनाक्रोश मार्च के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज मनिका में ही नही बल्कि पूरे देश में दलित आदिवासी समेत तमाम पिछड़े वर्ग को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस प्रशासन द्वारा जनता से समन्वय बनाने के बजाय डर का माहौल खड़ा किया जा रहा है। मनिका थाना प्रभारी राणा भानु प्रताप सिंह दुष्कर्म के आरोपी रौनक शुक्ला को लगातार बचाने का काम कर रहे है। लगातार मजदूर किसानों पर जुर्म हो रहा है और अधिकारी अपने तानाशाही रवैया को सामने ला रहे हैं। उन्होंने जनसभा के माध्यम से मनिका थाना प्रभारी पर कारवाई करने और आंदोलन कर रहे जननेताओं और पत्रकारों को रिहा करने की मांग की।
अब अधिकारियों के कारण महिला के साथ पुरुष भी सुरक्षित नहीं : जिला परिषद सदस्या
जनसभा को संबोधित करते हुए पांकी मध्य जिला परिषद सदस्या सह ऐपवा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य खुशबू कुमारी ने कहा कि अब अधिकारियों के कारण महिलाओं के साथ पुरुष भी सुरक्षित नहीं है। हैवानियत के भी हद पार करने वाला दोषी रौनक शुक्ला को हरहाल में फांसी की सजा होनी चाहिए। लेकिन थाना प्रभारी राणा भानु प्रताप सिंह लगातार अपराधी को बचाने का काम कर रहे हैं। इसको लेकर आंदोलन कर रहे हमारे साथियों को मनिका थाना प्रभारी ने फर्जी मुकदमे में जेल भेजने का काम किया। इस क्षेत्र में पुलिस लगातार भय का माहौल खड़ा कर स्थानीय लोगों को परेशान कर रही है।
अन्य नेताओं ने भी किया संबोधित
जनसभा को विभिन्न संगठनों से जुड़े अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया। मौके पर भाकपा माले के जिला सचिव बिरजू राम ने कहा कि मनिका थाना प्रभारी ने नैतिकता की सारी हदें पार कर दी। उन्होंने थाना प्रभारी पर आरोप लगते हुए कहा कि थाना प्रभारी ने अपराधी से पीड़ित को मैनेज करवाने का प्रयास किया। लेकिन हमारे नेता गिरफ्तारी को लेकर लगातार आंदोलन करते रहे। इसी बीच एफआईआर के एक सप्ताह बाद अर्थात आंदोलन के दिन, दिन में रौनक शुक्ला को और रात हमारे नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेजने का काम किया गया। हमारे नेताओं की गिरफ्तारी समय रात में महिलाओं से बदतमीजी भी की गई। वही ग्राम स्वराज मजदूर सभा के जेम्स हेरेंज ने कहा कि थाना प्रभारी ने पीड़ित को न्याय दिलाने के बजाय अपराधी से माफी मांगने और पैसे से मैनेज करने का प्रयास किया। वहीं थाना प्रभारी ने आरोपी पर एससी-एसटी एक्ट न लगाकर सिर्फ धमकी देने समानधित धारा और पोस्को एक्ट लगाया। ऊपर से आंदोलन कर रहे हमारे साथियों पर हथियार लूटने का प्रयास, सरकारी गाड़ी जलाने का प्रयास आदि धारा लगाया, जो कि सरासर ग़लत है। कार्यक्रम में गोपाल प्रसाद, आइसा के राज्य सचिव त्रिलोकीनाथ, बच्चन सिंह, कमलेश सिंह, जितेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, सुदामा राम, नरेश भुइयां, राजमति देवी, राजेंद्र भुइयां, त्रिहुती देवी, सीमा देवी, लालो देवी, सोनिया देवी, मुना देवी समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए।
जानें, क्यों हो रहा है आन्दोलन
मनिका स्थित एसबीआई के फील्ड मैनेजर रौनक शुक्ला पर एक नाबालिग आदिवासी किशोर ने प्राकृतिक यौनाचार का प्रयास करने के आरोप लगाया था। घटना करीब 20 दिन पूर्व की है। बैंक में किसी काम से आए आदिवासी किशोर को आरोपी फील्ड मैनेजर काम के बहाने अपने कमरे में ले गया था और फिर अप्राकृतिक यौनचार का प्रयास किया था। पीड़ित ने किसी तरह वहां से भाग कर बैंक पहुंचकर अन्य लोगों को घटना की जानकारी दी थी। इस मामले को लेकर आरोपी की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा, भाकपा माले, एपवा, आइसा सहित अन्य जनसंगठनों ने आंदोलन किया था। लेकिन मनिका पुलिस ने आंदोलन कर रहे लोगों के विरुद्ध कारवाई करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य धनेश्वर सिंह, अजय यादव सहित आठ अन्य लोगों के साथ-साथ दो पत्रकारों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अब इस मामले को लेकर विभिन्न जनसंगठन थाना प्रभारी पर कारवाई की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
Author: Shahid Alam
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