गौरी शंकर सिंह, छत्तरपुर : घनी आबादी वाले छत्तरपुर बाजार क्षेत्र में दिनदहाड़े व्यवसायी पुत्र शुभम की हत्या की घटना से व्यवसायी वर्ग सहित शहरवासी दहशत में हैं। थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर कार में बैठे शुभम गुप्ता की हत्या गोली मारकर कर दी गई। स्पष्ट है कि हत्या योजनाबद्ध तरीके से की गई। पुलिस यदि सक्रिय रहती तो सुनियोजित अपराध को रोका जा सकता था। यह बातें पूर्व मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि छत्तरपुर में लगातार बिगड़ते कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराध की घटना से स्पष्ट है कि अपराध नियंत्रण के लिए छत्तरपुर पुलिस के पास न तो अपनी कोई योजना है और न ही जिला पुलिस अधिकारी द्वारा कोई टास्क दिया जाता है। झारखंड व बिहार सीमा पर अवस्थित छत्तरपुर मुख्यालय व्यवसाय का एक प्रमुख केंद्र है। जहां अपराधिक गतिविधियों की प्रबल संभावना रहती है। व्यवसायियों व आम नागरिकों को सुरक्षा देना स्थानीय पुलिस की जिम्मेवारी है। शुक्रवार को सरेआम छत्तरपुर के खजुरी गांव में सीएसपी से 4.40 लाख रुपए की लूट हुई है। जबकि थोड़ी ही दूर पर पुलिस पिकेट स्थापित है। इस तरह लगातार हो रही अपराधिक घटनाओं से स्पष्ट है कि छत्तरपुर पुलिस अपने उद्देश्यों से भटक कर लिप्सा में संलिप्त है। घटना को अंजाम देकर अपराधियों के लिए छत्तरपुर से भागने के चार मुख्य रास्ते हैं। बिहार से छत्तरपुर आनेवाला, छत्तरपुर से डाल्टनगंज जाने वाला और छत्तरपुर से जपला व नौडीहा बाजार जानेवाला। यदि इन चारो रास्ते पर सशस्त्र पुलिस की प्रतिनियुक्ति हो और चेकिंग किया जाए तो अपराध नियंत्रित किया जा सकता है। किशोर ने कहा कि आश्चर्य की बात तो यह है कि बालू लदा ट्रैक्टर किस नदी से कब निकला, इसकी सूचना पुलिस को मिल जाती है, परंतु अपराधिक गतिविधियों की सूचना पुलिस को नहीं मिल पाती है।

Author: Shahid Alam
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