आज़ाद दर्पण डेस्क : पलामू जिले के पांकी प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों लगातार ग्रामीण जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों की मनमानी से परेशान है। आये दिन विभिन्न गावों के जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों द्वारा राशन की कालाबाजारी और कम राशन देने का मामला सामने आ रहा है। जनवितरण के प्रणाली के दुकानदार भोले-भाले लाभुकों को बेतुकी बातें बताकर कहीं ढ़ाई किलो प्रति यूनिट तो कहीं तीन-साढ़े तीन किलो प्रति यूनिट राशन देकर अपना पल्ला झाड रहे हैं। हालांकि जहां लाभुक जागरूक हैं, वहां के डीलर की मनमानी उजागर हो जा रही है और लाभुकों को पूरा राशन प्राप्त हो रहा है। लाभुकों के हंगामे और तमाम खबरों के बावजूद डीलर पर कार्रवाई न होना बहुत ही गंभीर मामला है और ये पदाधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता है।
पकरिया पंचायत के डीलर ने नहीं बांटा राशन
अभी ताजा मामला प्रखंड के पकरिया पंचायत के बांकीखुर्द, वृतिया डंडार तथा बसरिया व का है। बांकीखुर्द और वृतिया डंडार की डीलर सामला कुंवर थी। शन नहीं देने और कालाबाजारी के आरोप में उन्हें इसी साल जून महीने में निलंबित कर दिया गया। उनके निलंबन के बाद वहां के लाभुकों को बसरिया गांव के डीलर इंद्रदेव राम से टैग कर दिया गया। वहां के लाभुकों का राशन डीलर इंद्रदेव राम के स्टॉक ने टैग हो गया और उसे आदेशित किया गया कि वह उपरोक्त दोनों गांवों के लाभुकों को अपने यहां से राशन वितरण करेंगे। परन्तु गांव में कहावत है कि ताड़ से गिरे खजूर पर अटक। सामला कुंवर पिछले कई महीने से राशन नहीं दे रही थी। लाभुकों की शिकायत के बाद उसे सस्पेंड किया गया। लाभुकों को इंद्रदेव राम से टैग कर दिया गया। लेकिन अब इधर इंद्रदेव राम भी लाभुकों को राशन नहीं दे रहे हैं। कुछ लाभुकों को राशन दे रहे हैं तो निर्धारित मात्रा से काफी कम। वृतिया डंडार तथा बांकीखुर्द के लाभुकों ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी के समक्ष आवेदन देकर डीलर इंद्रदेव राम के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। ब्रह्मनारायण पांडे, राहुल पाठक, नंदकुमार पाठक, वीरेंद्र पांडे, अभय पांडे, महेंद्र साव, शंभू नाथ, गुलाबी भुइयां, मनोरमा देवी, पूनम देवी, कबूतरी देवी, गुलवंती कुंवर आदि ने बताया कि डीलर ने जून व सितंबर महीने का राश नहीं दिया है। ऐसे में हमने जिला आपूर्ति पदाधिकारी को आवेदन देकर उसका लाइसेंस रद्द करने की मांग की है।
डीलर ने बसारिया के लाभुकों को दिया मात्र ढाई किलो प्रति यूनिट राशन
डीलर इंद्रदेव राम बसरिया गांव का भी स्थाई डीलर है। जब बसरिया गांव के ग्रामीण राशन लेने डीलर के दुकान पर पहुंचे तो डीलर ने उन्हें प्रति यूनिट ढ़ाई किलो राशन दिया। कुछ लोगों ने राशन लिया, जबकि कुछ लोगों ने विरोध स्वरूप राशन नहीं लिया। बसरिया गांव के यासीन खान, मकबूल अंसारी, शेरमोहम्मद खान, अनवरी बीबी, नजीर अंसारी, साजो बीवी सहित कई लाभुकों ने बताया कि जब हम डीलर के पास राशन लेने गए तो डीलर इंद्रदेव राम ने कहा कि राशन इस बार कम आया है। इसलिए कम ही राशन देंगे और एक यूनिट पर ढ़ाई किलो राशन मिलेगा। जब हमने विरोध किया तो उसने कहा कि जिसके पास जाना है, जाओ। जब हम सब से सेटिंग कर चूके हैं। हमको कुछ नहीं होगा। डीलर की ये दबंगई वाली भाषा ये बताने के लिए काफी है कि वह लाभुकों से कैसे पेश आता होगा। बताते चले कि डीलर इंद्रदेव राम की कार्यशैली शुरू से ही विवादित रही है। पूर्व में भी इंद्रदेव राम राशन की कालाबाजारी के कारण निलंबित हुए हैं। डीलर के दुकान के बाहर न कोई बोर्ड लगा है और न ही लाभुकों की सूची प्रदर्शित की गई है। इस बार की मनमानी से ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं और एक स्वर में डीलर का लाइसेंस रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
क्या कहना है डीलर का
अपने ऊपर लगे आरोप के संबंध में डीलर इंद्रदेव राम ने कहा कि अभी राशन कम दिए हैं। अक्टूबर माह के राशन में वह मेकअप कर देंगे और लाभुकों को साढ़े सात किलो प्रति यूनिट राशन देंगे। डीलर का ये ब्यान ये बताने के लिए काफी है कि पांकी प्रखण्ड में जनवितरण प्रणाली की क्या हालत है।
लाभुकों के हंगामे के बाद भी नहीं होती है कारवाई
पांकी प्रखण्ड में जन वितरण प्रणाली के दुकानदार पूरी तरह से जनवितरण की व्यवस्था पर हावी हैं। लाभुकों को सुनने वाला कोई नहीं है। राशन की कालाबाजारी धड़ल्ले से होती है। डीलर अपनी मनमानी करते हैं। लाभुक हंगामा कर अपनी परेशानी का लोगों के सामने लाते हैं। लेकिन उनकी सुनवाई कहीं नहीं होती। पिछले दो सप्ताह में कई जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों द्वारा कम राशन देने का मामला सामने आया। आक्रोशित ग्रामीणों ने हंगामा भी किया है। उदाहरणस्वरूप गड़गांव के खुशबू महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा लाभुकों को कम राशन दिया जा रहा था। बात पदाधिकारियों तक पहुंची। लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं हुई। कार्रवाई नहीं होने के कारण डीलर का मनोबल बढ़ा हुआ है और वे लगातार अपनी मनमानी करने पर उतारू हैं। सरकार द्वारा प्रति यूनिट पांच किलो राशन देने का प्रावधान है। पूरे प्रखंड में पांच किलो के जगह लाभुकों को साढ़े चार किलो ही राशन दिया जाता है। लेकिन इस बार जन वितरण प्रणाली के कुछ दुकानदारों में इस हद को भी पार कर दिया है और लाभुकों को ढ़ाई किलो से साढ़े तीन किलो तक राशन देकर अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं और उन पर कार्रवाई भी नहीं हो रही है। ग्रामीण लगातर पदाधिकारियों की मिलीभगत होने का आरोप लगा रहे हैं। पूर्व मुखिया एजाज अहमद खान ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी फोन तक नहीं उठाते हैं। कारवाई तो दूर की बात है।
Author: Shahid Alam
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