नरेंद्र सिंह, विश्रामपुर : जरूरतमंद को सरकार द्वार पक्का आवास योजना का लाभ मिले इसके लिए सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना से जोड़कर निर्धन परिवार को पक्का आशियाना मुहैया कराया गया है। इसके लिए चयनित आवास लाभुक को स्वयंसेवक द्वारा पहले स्थलीय जियो टैग किया जाता है। वहीं पंचायत के पंचायत सेवक द्वारा सत्यापन के बाद हीं राशि के प्रथम किस्त का भुगतान पक्का मकान के प्रारंभिक फाउंडेशन निर्माण कार्य के लिए किया जाता है। लेकिन आए दिन मिलीभगत कर गैर जरूरतमंद को बिना आवास बनाए आवास निर्माण की राशि का भुगतान का फर्जी मामला सामने आ रहा है।
बघमनवां पंचायत में बिना निर्माण के ही कर दिया राशि का भुगतान
प्रखंड के बघमनवां पंचायत में पदस्थापित पंचायत सचिव व स्वयंसेवक की मिलीभगत से दो वर्ष पूर्व स्वीकृत पक्का आवास का बिना निर्माण कराए ही दो किस्त का भुगतान लाभुक मुंद्रिका बैठा को कर दिया गया। लाभुक, पंचायत सचिव तथा स्वयंसेवक की मिलीभगत का आलम ये है कि दूसरे के बनाए जा रहे आवास के सामने फोटो खिंचवाकर उसे लाभुक का घर बता कर भुगतान किया गया है। जबकि लाभुक मुंद्रिका बैठा ने अपने आवास के निर्माण के लिए अबतक एक ईट भी नहीं लगाया है।
निर्माण कार्य नहीं होने के कारण मुखिया ने रोका मनरेगा तहत मिलनेवाली राशि
आवास के निर्माण कार्य में मनरेगा मज़दूरों से कार्य लेने का प्रावधान है। ऐसे में निर्माण कार्य कि मजदूरी का भुगतान मनरेगा मद से मुखिया द्वारा किया जाता है। लाभुक मुंद्रिका बैठा ने आवास का निर्माण नहीं किया तो पंचायत की कौखिया मंजु देवी ने मनरेगा के तहत मिलनेवाली राशि का भुगतान लाभुक को नहीं किया। नियमानुसार पहले मनरेगा की राशि भुगतान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही आवास निर्माण की दूसरी किस्त के 85 हजार रुपए लाभुक के लाभुक के खाते में ट्रांसफर किए जाने का प्रावधान है। लेकिन यहां नियमों को ताक पर रखकर भुगतान कर प्रारंभिक किस्त 40 हजार रुपया और दूसरी किस्त 85 हजार रुपया का भुगतान कर दिया गया।
एक लाभुक को दो बार आवास का लाभ देने का मामला भी आया सामने
इतना ही नहीं पंचायत के प्रेमचंद यादव को वित्तीय वर्ष 2012-13 में इंदिरा आवास प्राप्त हुआ था। इन्हें एक बार फिर प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में गलत तरीके से शामिल किया गया। पंचायत स्वयंसेवक संतोष पाल व पंचायत सचिव मुकेश कुमार के द्वारा जियो टैग की प्रक्रिया पूरी कर प्रथम किस्त की राशि 40 हजार रुपए का भुगतान किया गया। ग्रामीणों की शिकायत पर तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रशांत हेंब्रम ने लाभुक प्रेमचंद यादव से राशि रिकवर करने का पत्र निर्गत किया। साथ ही उन्होंने इस गड़बड़ी जिम्मेवार लोगों पर कार्रवाई के लिए उप विकास आयुक्त को पत्र प्रेषित किए। इस बाबत नए बीडीओ सह सीओ विक्रम आनंद ने त्वरित कारवाई करते हुए दोनों आवास लाभुक के विरुद्ध कारवाई करने के साथ शीघ्र पूरी राशि वापस करने के आदेश दिए हैं। साथ ही उन्होंने संबंधित पंचायत सचिव और स्वयंसेवक पर विभागीय कारवाई के तहत शोकाज किया है।
Author: Shahid Alam
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