नरेंद्र सिंह, विश्रामपुर : रामवृक्ष मिश्र मेमोरियल ट्रस्ट के तत्वावधान में श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का आयोजन जारी है। पूजा-पाठ के उपरांत भागवत महापुराण का परायण से पूरा दिन मंदिर में भक्ति रस की धारा प्रवाहित होती रही। आयोजन प्रमुख व मुख्य यजमान मिथिलेश मिश्र सपत्नीक के अलावा भागवद कथा श्रवण के लिए प्रवचन पंडाल में बड़ी संख्या में मौजूद थे। विशेष रूप से जिला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संतोष कुमार चौबे, विश्रामपुर कांग्रेस कमिटी अध्यक्ष गुड्डू शुक्ल, आलोक चौबे सहित कई इलाकाई विशिष्टजन प्रवचन पंडाल में आकर व्यासपीठ पर आसीन कथा वाचक को माला पहनाकर आशीष ग्रहण किया। संध्या कालीन सत्र में 2 बजे से 5 बजे तक चल रही कथा के अंतर्गत पूज्य कथाव्यास श्रीगौरव कृष्ण पाठक जी ने भागवत कथा के प्रसंगों का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण ही मानव जीवन के उद्धार की सीढ़ी है, शर्त सिर्फ इतनी है कि श्रोता की श्रद्धा कितनी गहरी है। क्योंकि उसी गहराई के अनुसार ही भक्ति का फल मिलता है। आचार्य ने श्रोताओं को काम, क्रोध, मद, मोह, लोभ से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा हृदय से किया गया प्रभु स्मरण मनुष्य के मोक्ष के द्वार खोलने का काम करता है। इसलिए अपने मन को काबू में रखते हुए अपने हृदय को प्रभु के चरणों में अवश्य स्मृत रखें। श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान का वह भंडार है जिसको सुनने और उसका अनुसरण करने से मनुष्य का जीवन धन्य हो जाता है। कथा की सार्थकता तभी है, जब इसे हम अपने जीवन में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हुए जीवन को आनन्दमय और मंगलमय बनाकर आत्मकल्याण करें। महाराज ने प्रसंगानुसार शुकदेव जी और परीक्षित के जन्म की कथा कहि, कुन्ती मईया और पितामह भीष्म की स्तुति का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान का अवतार केवल भक्तों को परमानंद की प्राप्ति कराने के लिए ही होता है। श्रीमद्भागवत कथा के माध्यम से व्यक्ति सीधे भगवान की शरण में पहुंचता है। कथा के मध्य दिव्य भजनों के द्वारा श्रोताओं को रस विभोर किया गया, जिसमें ऑर्गन वादक गौतम मिश्रा एवं गायक झुन्नू राजा, तबला पर संगत कर रहे साकेत लोगों को बांधे रखा।
Author: Shahid Alam
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