पलामू डेस्क : आगामी 10-12 दिसंबर को प्रस्तावित बागेश्वर धाम के बाबा धीरेन्द्र शास्त्री का कार्यक्रम स्थगित हो गया है। पलामू जिला प्रशासन ने इसके लिए अनुमति नहीं दी है। जिला प्रशासन ने अनुमति के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आपदा प्रबंधन विभाग व वन विभाग से एनओसी लेने की शर्त रख दी है। बिना शर्त पूरा किए जिला प्रशासन कार्यक्रम का आयोजन की प्रशासनिक अनुमति नहीं देगा। अब पलामू में दरबार लगाने के लिए धीरेन्द्र शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा को इंतजार करना होगा।
क्या कहते हैं उपायुक्त
इस संबंध में उपायुक्त शशि रंजन ने कहा है कि नदी के किनारे आयोजन करने से नदी का ईकोसिस्टम प्रभावित हो सकता है। ऐसे में वन एवं पर्यावरण विभाग की अनापत्ति जरूरी है। चूंकि कार्य पूरा कार्यक्रम नदी के किनारे है और नदी किनारे की मिट्टी पूरी तरह बलुआही है। ऐसे में बलुआही मिट्टी के होने के कारण पंडाल का स्ट्रक्चर धंसने का खतरा है। इसलिए मिट्टी की जांच के लिए टीम गठित की गई है, जिसमें भवन ,जलपथ, एवं लघु सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता शामिल हैं। कार्यक्रम नदी किनारे है, जिसके कारण नदी प्रदूषित हो सकता हैं। ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी एनओसी लेना आवश्यक है। चूंकि कार्यक्रम में दो से तीन लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है। इतनी भीड़ में हादसा होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में बिना पुख्ता तैयारी के कार्यक्रम का आयोजन करने से हादसा होने का खतरा है। इसलिए आपदा प्रबंधन विभाग एनओसी लेना भी आवश्यक है।
उपायुक्त ने राजनीतिक दबाव से किया इनकार
हालांकि पूरे मामले पर उपायुक्त ने किसी तरह का राजनीतिक दबाव होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम होगा तो दंडाधिकारी और पुलिस बल की आवश्यकता होगी और अभी जिला प्रशासन का सारा अमला आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम में लगा हुआ तथा यह कार्यक्रम 26 दिसंबर तक चलने वाला है। ऐसे में कार्यक्रम के लिए मजिस्ट्रेट, पुलिस बलों का अधिक आना वर्तमान में संभव नहीं है। राजनीतिक दबाव के बात पर इनकार करते हुए उपायुक्त ने कहा कि यदि आयोजन स्थल पर कोई हादसा हो जाएगा तो कौन जवाबदेह होगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी तैयारी के साथ आयोजन करवाना चाहता है ताकि कल के दिन कोई भी प्रशासन पर उंगली न उठा सके।
Author: Shahid Alam
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