गौरी शंकर सिंह, छत्तरपुर : देश भर में प्रसिद्ध श्रीराम कथावाचक राजन जी महाराज गुरुवार को छत्तरपुर पहुंचे। छत्तरपुर में उन्होंने विजय तारा होटल एंड रिसोर्ट का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उद्घाटन किया। राजन जी ने विजय तारा होटल एंड रिसोर्ट के प्रोपराइटर रविशंकर सिंह उर्फ बबुआ जी, उनके बड़े भाई राजन बाबू व चुन्नू बाबू को बधाई देते हुए कहा कि इन्होंने अपने इस प्रतिष्ठान का नाम अपने माता-पिता के नाम पर रखकर बड़ा पुनीत काम किया है। जबकि इन दिनों लोग अपने पत्नी या बच्चे के नाम पर अपने प्रतिष्ठान का नामकरण करते है। बबुआ जी ने ऐसा नेक काम करके समाज को अच्छा संदेश दिया है। लोगों को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। प्रोपराइटर बबुआ जी ने कहा कि उदयपुर के बाद झारखंड में ये पहला राजस्थानी डिजाइन का करीब 3 एकड़ में होटल है। इसमें कॉटेज, रिसोर्ट और लॉन के अलावा गार्डन, स्विमिंग पुल व जिम का निर्माण कराया गया है। जिसके उद्घाटन के लिए राजन जी महाराज द्वारा कथा का आयोजन किया गया है। होटल के उद्घाटन के बाद देर शाम कथावाचक राजन जी ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। इस दौरान राजन जी ने अपने संदेश में आगे कहा कि आज तो लोग पारंपरिक विधि-विधान को छोड़ आधुनिकता का लिबास ओढ़ कर यज्ञ व हवन करते हैं। इससे कभी पुण्य नहीं होगा। ईश्वर के सुमिरन से ही मोक्ष मिलेगा। अगर मनुष्य जीवन को श्रेष्ठतम बनाना है तो भगवान के चरित्र का अवलोकन और श्रवण अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपके जीवन में किसी कार्य के लिए शत प्रतिशत मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है तो हताश या निराश न हों। बल्कि ये समझें कि वो काम आपके लिए नहीं बना है। उस काम के अलावा उस काम को करिए जिसे करने में आपको रुचि हो। तभी आप सफल होंगे। उन्होंने कहा कि आवरण के बढ़ने के कारण लोग आध्यात्म से दूर होते हैं। आवरण को खत्म करने का एक ही रास्ता है सत्संग, कथा श्रवण। इससे आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
Author: Shahid Alam
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