गौरी शंकर सिंह, छत्तरपुर : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की छतरपुर नगर इकाई द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर ई वर्ल्ड कोचिंग सेंटर व एम एकेडमी कोचिंग सेंटर में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया गया। मौके पर अभाविप के छात्र नेता शशि कांत ने कहा कि भारत के सांस्कृतिक जागरण में मां भारती के महान सपूत स्वामी विवेकानंद के योगदान के कारण न केवल हमारे देश में, वरन् पूरे विश्व में अनन्य ख्याति प्राप्त हुई। वे चालीस साल से कम उम्र तक जिए परंतु उनका जीवन प्रबलता तथा व्यापकता से परिपूर्ण था। स्वामी जी का सिर्फ 39 वर्ष का जीवनकाल कई मायनों में आज के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। स्वामी विवेकानंद का कहना था कि भारत का हर युवा राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे सकता है। ऐसे में युवाओं को अपने सामर्थ्य का उचित प्रयोग करना चाहिए। युवाओं को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है। मेरा विश्वास युवा पीढ़ी एवम आधुनिक पीढ़ी में है। ई वर्ल्ड कोचिंग सेंटर के वक्ता आलोक शंकर मिश्रा ने कहा कि आज हम सभी को स्वामी विवेकानंद के बताये हुए मार्गों पर चलना होगा, तब जाकर हमारे देश की एकता और अखंडता बरकरार रह सकती है, अन्यथा आज हम सभी देख रहे है कि हमारे देश के साथ किस तरह का कुचक्र किया जा रहा है। किसी तरह राष्ट्र और समाज को कोई बचा सकता है तो वह है युवा। मिश्रा ने कार्यक्रम मे उपस्थित सभी युवा छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि जिस तरह से स्वामी विवेकानंद ने अपने कार्यो से पूरे विश्व के लोगो को भारत की संस्कृति और सभ्यता के बारे मे बताने का काम किया है, उसी प्रकार से आप सब भी अपने अच्छे-अच्छे कार्यों से समाज के लोगों को जगाने का काम करेंगे, तब ही स्वामी विवेकानंद जयंती मनाने की सार्थकता सिद्ध होगी।
इधर एम एकेडमी कोचिंग सेंटर में भी मनाई गई जयंती
एम एकेडमी कोचिंग सेंटर में स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई गई। मौके पर कोचिंग सेंटर के संचालक मुबारक हुसैन ने कहा कि 12 जनवरी 1863 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता मे जन्म लिए युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद का सिर्फ जयंती मनाने भर से हमारा कल्याण नही होगा, बल्कि उनके बताए हुए रास्ते पर चलना होगा। तभी हमारे राष्ट्र और समाज का कल्याण होगा। इसलिए हम सभी युवा आज संकल्प लें कि जहां कहीं भी कुछ भी गलत हो रहा हो, उसके खिलाफ जोरदार आवाज बुलंद करें। उन्होंने बताया कि जब पहली बार शिकागो सम्मलेन मे गए तो उन्होंने संबोधन की शुरुआत “मेरे भाइयों और बहनों” से किया, जिससे पूरा हॉल स्तब्ध रह गया। आज की पीढ़ी ही भविष्य का निर्माण कर सकती है, जरुरी है स्वामी विवेकानंद के विचारों क़ो अधिक से अधिक युवा अपने अंदर आत्मसात करे। मौके पर चंदन कुमार, जयप्रकाश कुमार, रौशन कुमार, लव कुमार सहित काफी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
Author: Shahid Alam
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