पलामू डेस्क : जिले के पांकी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभागार में भारत सरकार की राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी का प्रशिक्षण सह समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता पांकी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. महेंद्र कुमार प्रसाद ने किया। देश की सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ी टेलीमेडिसिन सेवा झारखंड के सभी जिलों मे चल रही है। पलामू में सीएचओ एवं डॉक्टर की मदद से ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म के माध्यम से सीएचसी में प्रतिदिन लगभग 100-150 रोगियों को सेवा मिल रही है, जो राज्य भर में रोगियों के साथ-साथ डॉक्टरों और विशेषज्ञों द्वारा व्यापक रूप से अपनाने का संकेत देती है। कार्यक्रम में इंटेलीहेल्थ झारखंड टीम से सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर राजीव कुमार, प्रोजेक्ट मैनेजर अशोक तिग्गा सहित कई स्वास्थ्यकर्मी शामिल हुए।
दो मॉडल के माध्यम से संचालित है राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी दो मॉडल के माध्यम से संचालित है। पहला माध्यम eSanjeevani AB-HWC है। यह हेल्थकेयर टू डॉक्टर टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म है, जो हब और स्पोक मॉडल पर आधारित है। वहीं दूसरा माध्यम eSanjeevaniOPD है। यह एक रोगी से डॉक्टर टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म है, जो नागरिकों को उनके घरों में ही ओपीडी सेवाएं प्रदान करता है। यह ग्रामीण मरीजों को घर के नजदीक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंचने में सक्षम बनाती है और स्वास्थ्यकर्मियों को भी मदद करती है।
राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी सेवा के हैं कई लाभ
राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी सेवा के द्वारा मरीजों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को कई तरह का लाभ होता है। इससे ओपीडी में स्वास्थ्य सुविधाओं पर भीड़भाड़ को कम करने में मदद मिलती है। हमें कोविड या अन्य मरीजों से मरीजों को और मरीज से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं होने वाले संक्रमण को कम करने में मदद करता है। यह सीएचसी तथा जिला स्तर पर ओपीडी का बोझ करने में मदद करता है। वहीं ग्रामीण मरीजों को इलाज में लगने वाला खर्च काफी कम हो जाता है। वहीं मरीजों के समय की भी बचत होती है।

Author: Shahid Alam
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