Home » झारखंड » राँची » पांकी के बूथ संख्या-323 के मतदाताओं ने किया वोट बहिष्कार का ऐलान, कहा – “रोड नहीं तो वोट नहीं”

पांकी के बूथ संख्या-323 के मतदाताओं ने किया वोट बहिष्कार का ऐलान, कहा – “रोड नहीं तो वोट नहीं”

पलामू डेस्क : जिले के पांकी प्रखंड के केकरगढ़ पंचायत से ग्रामीणों द्वारा लोकसभा चुनाव के बहिष्कार करने का निर्णय लेने की खबर सामने आई है। ग्रामीणों ने रोड नहीं होने के कारण विरोध स्वरूप पहले बैठक कर वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया। इसके उपरांत ग्रामीणों ने “रोड नहीं तो वोट नहीं” जैसे स्लोगन लिखे तख्तियों के साथ नारेबाजी कर विरोध जताया है। केकरगढ़ पंचायात के गरीहारा, हेडुम व जसपुर गांव के ग्रामीणों द्वारा यह निर्णय लिया गया है। इन गांवों के मतदाता बूथ संख्या-323 पर मतदान करते हैं। लेकिन इस लोकसभा चुनाव में यहां के मतदाताओं ने वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है। इस खबर के बाद से प्रशासनिक हलके में खलबली मची हुई है। प्रशासनिक अमला ग्रामीणों को मनाने के प्रयास में जुट गया है।

सड़क निर्माण नहीं होने से नाराज हैं ग्रामीण

केकरगढ़ पंचायत आदर्श पंचायत के रूप में चयनित है। इसके बावजूद पंचायत के विभिन्न गांवों तक पहुंच पथ का निर्माण नहीं हो सका है। पंचायत के गरीहारा, हेडुम व जसपुर गांवों को प्रखण्ड मुख्यालय से जोड़नेवाली सड़क का निर्माण आजादी के बाद से अब तक नहीं हो सका है। राजेन्द्र यादव, जनेश्वर यादव, सुनील कुमार, पप्पू यादव, राजकुमार यादव, रामकिशुन उरांव, ताहिर अंसारी, चांदनी देवी, शकीला बीबी सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि देश को आजाद हुए सात दशक से भी ज्यादा का समय बीत चुका है। उसके बावजूद हमारे यहां विकास का काम नहीं हो सका है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि चतरा लोकसभा से लगातार दो बार भाजपा के सांसद रहे। लेकिन सांसद सुनील कुमार सिंह द्वारा कभी भी यहां की समस्याओं के समाधान की कोशिश नहीं की गई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यहां से एनडीए तथा यूपीए के सांसद जीतते रहे हैं, लेकिन विकास नहीं हुआ। साथ ही ग्रामीणों ने स्थानीय विधायकों पर भी अनदेखी करने का आरोप लगाया। ग्रामीणों ने कहा कि संकटेश्वर सिंह, मधू सिंह, विदेश सिंह, देवेन्द्र कुमार सिंह ने पांकी विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया। लेकिन हमारे गांव को सड़क बनाकर मुख्यालय से नहीं जोड़ सके। ग्रामीणों कहा कि अब वर्तमान विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता का कार्यकाल भी पूरा होने वाला है। परंतु वे भी सड़क का निर्माण करवाने में नाकाम रहे। आज भी हमें शादी-विवाह, इलाज आदि के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि जब तक सड़क निर्माण की गारंटी नहीं मिलती है, तब तक बूथ संख्या-323 का कोई भी मतदाता वोट डालने नहीं जाएगा।

वोट डालने पर किया जाएगा सामाजिक बहिष्कार 

उपरोक्त तीनों गांवों के बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने बैठक कर रोड नहीं तो वोट नहीं का निर्णय लिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि बूथ संख्या-323 पर कोई भी मतदाता मतदान नहीं करेगा। यदि कोई व्यक्ति गांव-समाज के निर्णय के विपरीत मतदान करने जाता है तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। बैठक में नारायण यादव, लक्ष्मी यादव, राकेश कुमार, चलितर भुईयां, रवींद्र उरांव, राजमोहन परहिया, बालदेव उरांव, सुरेश सिंह, सुखदेव सिंह, काली यादव, सरफुद्दीन अंसारी, शरीफ अंसारी, टिपन सिंह, अशोक सिंह, सावित्री देवी, सुनीता देवी, चम्पा देवी, मालो कुंवर, शांति देवी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए।

क्या कहना है प्रखण्ड विकास पदाधिकारी का 

इस संबंध में पांकी के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी अरुण कुमार मुंडा ने कहा कि वोट बहिष्कार किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि हम वोट बहिष्कार का निर्णय लेने वाले गांवों मे जाकर वहां के ग्रामीणों से बात करेंगे। उनकी समस्याओं को समझकर उसके निदान का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि नाराज ग्रामीणों से बात कर के उनसे मतदान करने की अपील की जाएगी। हमारा प्रयास होगा कि ग्रामीणों की समस्या का समाधान भी हो और वो आम चुनाव में मतदान कर इस महापर्व में भागीदार बनें।

Shahid Alam
Author: Shahid Alam

Editor

0
0

RELATED LATEST NEWS

Top Headlines

error: Content is protected !!