गिरीडीह डेस्क : जिले के देवरी थाना से अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां 20 साल पहले गायब हुई एक विधवा महिला अपने बच्चों के साथ जब वापस लौटी तो घरवालों ने उसे घर में घुसने से मना कर दिया। महिला ने इंसाफ के लिए अब पुलिस का दरवाजा खटखटाया है। भुक्तभोगी महिला अक्ली देवी ने आठ लोगों के विरुद्ध देवरी थाना में प्राथमिक भी दर्ज कराया है। महिला ने पुलिस को दिए गए बयान में 20 साल पहले की जिस घटना का जिक्र किया है वो हमारे और आपके रोंगटे खड़े कर देने के लिए काफी है। महिला व उसके दो बच्चों को 20 साल पहले दो अलग जगहों पर बेच दिया गया। जब बेटा बड़ा हुआ तो उसने अपनी मां व बहन को छुड़ाकर अपने साथ लिया और पहुंच गया अपने घर। कहानी थोड़ी फिल्मी है, लेकिन है सच।
आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला
देवरी थाना में पुलिस को दिए गए बयान के में भुक्तभोगी महिला अकली देवी ने बताया कि 20 साल पहले उसकी शादी महाबीर यादव से हुई थी। शादी के कुछ साल बाद ही पति की मौत हो गई। पति की मौत के बाद लोगों ने जमीन व अन्य संपत्ति हड़पने के लिए साजिश रचना शुरू कर दिया। रिश्तेदारों ने ही उसे बंधक बना लिया। जब उसने विरोध किया तो उसे जलाने की कोशिश की गई। फिर उसे व उसकी बेटी को बिहार के जमुई जिले के सोने का गांव में महज ₹50,000 में मित्तल यादव के हाथों बेच दिया। वहीं उसके बेटे को मधुपुर निवासी गोपाल यादव के हाथों बेच दिया गया। दोनों जगह सालों तक महिला व उसके बच्चों ने नौकर की तरह काम किया।
बेटा बाद हुआ तो मां व बहन को छुड़ाया
लेकिन जब बेटा बड़ा हुआ तो उसे मां व बहन की याद आई। वह किसी तरह से गोपाल यादव के चंगुल से फरार हो गया। उसने अपनी मां व बहन को ढूंढ कर बचाया। जब महिला अपने घर पहुंची तो घरवालों ने उसे घुसने से मना कर दिया। हालांकि ग्रामीणों की मदद से महिला घर में तो घुस गई। लेकिन उसके घरवाले उसे संपत्ति में हिस्सा देने को तैयार नहीं हैं। अंततः महिला पुलिस की शरण में गई है। उसने घोसे गांव के बुल्लु यादव, सरयू यादव, दरोगी यादव, रामचरित्र यादव, कामेश्वर यादव, दुखन यादव, बिहार के जमुई गांव निवासी मित्तल यादव, देवघर के मधुपुर निवासी गोपाल यादव पर प्राथमिकी दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

Author: Shahid Alam
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